
अखिलेश यादव और मायावती
आजमगढ़. बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने गठबंधन की आस लगाए कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए मध्य प्रदेश और राजस्थानमें अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। छत्तीसगढ़ में वह कांग्रेस को पहले ही दरकिनार कर अजीत जोगी की पार्टी से गठबंधन कर चुकी है। मायावती के इन दो फैसलों के आलोक में अब यूपी को देखा जाने लगा है। उनके इस फैसलों से समाजवादी पार्टी को भी कांग्रेस से कम चिंता नहीं। वह भी तब जब अखिलेश यादव किसी भी हाल में बसपा से गठबंधन को तैयार हैं। इसके लिये वह लोकसभा चुनाव में कम सीटों पर लड़ने को भी तैयार हैं। हालांकि सपा बसपा से गठबंधन की आस लगाने के साथ प्लान बी पर भी काम कर रही है। इसके लिये लगातार समाजवादी पार्टी को विस्तार देने की कवायद चल रही है।
पार्टी को मजबूत करने और उसे विस्तार देने की इसी रणनीति के तहत सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर मुबारकपुर विधानसभा में आगामी 6 अक्टूबर को प्रतिनिधि सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप मे पार्टी के एमएलसी राम रतन राजभर शामिल रहेंगे। उक्त बाते पूर्व जिलाध्यक्ष अखिलेश यादव ने पत्र प्रतिनिधियों से वार्ता के दौरान कही। उन्होने बताया कि यह सम्मेलन ऐसे दौर मे हो रहा है जब पूरे प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है। सुरक्षा के लिए जिम्मेदार पुलिस वाले ही आम आदमी की हत्या कर रहे है, अवैध धन्धा केस वाले पुलिस की मिली भगत से विरोध करने वालों को मौत के घाट उतार दे रहे है।
अपनी समस्याओ को लेकर आंदोलन करने वाले लाखों किसानो को दिल्ली प्रवेश पर पाबंदी लगाई जाती है और आशू वाले बम व लाठी चार्ज कर घर वापसी के लिए मजबूर किया जा रहा है। किसानो की आय को दोगुना करने वाली सरकार लाठियों के दम किसानो का गला घोंट रही है। बेरोजगारी पिछले चार साल सालो में बढ़कर दोगुना हो गई है ।देश प्रदेश में सरकार नाम की चीज नही रह गई है। डीजल पेट्रोल के दाम दिन प्रतिदिन बढ़ रहे है, सरकार पेट्रोलियम कम्पनियो के आगे नतमस्तक है। सरकारी संस्थानों में दलालो का जमघट लग रहा है। उन्होने इस सम्मेलन में सेक्टर प्रभारी, बुथ प्रभारी व कमेटी के लोग एवं वरिष्ठ नेतागण मौजूद रहेंगे।
By Ran Vijay Singh
Updated on:
04 Oct 2018 11:21 am
Published on:
04 Oct 2018 09:17 am
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