26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सपा के बाहुबली को मौत का खौफ, सरकार और बदमाशों से जताया जान का खतरा

रमाकांत यादव ने किया दावा, गाजीपुर वाराणसी के अपराधी धूम रहे 147 लेकर। पहली सरकार जिसमें खुलेआम असलहों का प्रदर्शन कर रहे अपुराधी। सरकार के दबाव में नहीं दी जा रही सुरक्षा।  

2 min read
Google source verification
Ramakant Yadav

रमाकांत यादव

आजमगढ़. हाल ही में समाजवादी पार्टी में शामिल हुए बाहुबली रमाकांत यादव को अपना जीवन खतरे में दिख रहा है। रमाकांत का दावा है कि सरकार और अपराधी कभी भी उनपर हमला कर सकते है। कारण कि जेल से लेकर उनके घर के मोड़ तक लगातार गाजीपुर व वाराणसी के अपराधी एके-47 लेकर घूम रहे हैं। उन्होने कई बार सुरक्षा की मांग की लेकिन सरकार के दबाव में उन्हें सुरक्षा नहीं दी जा रही है। यहीं नहीं पूर्व सांसद ने लगे हाथ एसपी को नसीहत भी दे डाली कि अगर वे जेल में धडल्ले से चल रहे फोन बंद करा दे तो जिले से अपराध बंद हो जाएगा।

मीडिया से बात करते हुए रमाकांत यादव ने कहा कि जब वे भाजपा में थे तो उन्हें सरकार द्वारा सुरक्षा दी गयी थी लेकिन बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में जाने के बाद उनकी सुरक्षा हटा ली गयी। अब वे समाजवादी पार्टी में है और कई बार एसपी से से लेकर डीएम तक से सुरक्षा की मांग की लेकिन उक्त लोगों ने कहा कि शासन से आपको सुरक्षा न देने को कहा गया है। इधर आजमगढ़ में जेल के सामने, पहलवान मूर्ति तिराहा से लेकर उनके मोहल्ले तक एके-47 से लैस गाजीपुर व वाराणसी के अपराधी देखे जा रहे हैं। इस बात की जानकारी कप्तान को दिया लेकिन सरकार प्रशासन इसे गंभीरता से नहीं लिया। जबकि मैने उनको बताया कि अगर प्रशासन सुरक्षा नहीं देता तो कभी बड़ी घटना हो सकती है।

उन्होंने कहा कि अभी तक मैने किसी भी सरकार में अपराधियों को इस तरह खुलेेआम घूमते और असलहों का प्रदर्शन करते नहीं देखा। जिस तरह इस सरकार में घूम रहे है। इसलिए मुझे आभास हो रहा है कि सरकार की मंशा मेरे खिलाफ हैं। और मुझे जो जानकारी मिली है कि बदमाश और सरकार की एसओजी दोनों मिलकर कभी एक साथ मेरे उपर धावा बोल सकते हैं। इसलिए मैने प्रशासन से कहा कि जिस तरह अन्य पूर्व सांसदों को 10 से 15 प्रतिशत लेकर सुरक्षा मिली है उसी तरह मुझे भी दी जाय लेकिन प्रशासन सुनने को तैयार नहीं है।

By Ran Vijay Singh