
SDM occupant
आजमगढ़. उपजिलाधिकारी सदर कार्यालय का भ्रष्टाचार परत दर परत खुलने लगा है। एक मामले में गलत फैसला को लेकर एसडीएम और उनके पेशकार पर आयुक्त का शिकंजा कसा हुआ था लेकिन अब नया मामला सामने आ गया है। एसडीएम के पेशकार द्वारा एक हजार रूपये घूस लेने की वीडियो वायरल हो गयी है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पेशकार को निलंबित करते हुए डीएम ने मामले की जांच एडीएम प्रशासन को सौंपी है। जांच रिपोर्ट आने के बाद उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि मंगलवार की देर शाम एक वीडियो वायरल हुई। जिसमें एसडीएम न्यायालय में बैठा पेशकार किसी व्यक्ति से एक हजार रूपये घूस ले रहा है। वीडियो कुछ इस तरह बनायी गयी है कि घूस देने वाला व्यक्ति उसमें नहीं दिख रहा है लेकिन पेशकार पांच पांच सौ के दो नोट ले रहा है। उसकी बातचीत भी वीडियो में है। सूत्रों की माने तो यह वीडियो चार दिन पूर्व बनायी गयी है। पेशकार ने किसी भूमि के हिस्सेदारी प्रकरण के निस्तारण के मामले में घूस लिया है। चर्चा है कि इससे पूर्व भी मोटी रकम पेशकार द्वारा ली जा चुकी है, इसके बाद भी प्रकरण का निस्तारण नहीं किया गया और निस्तारण के एवज में और धनराशि की मांग की जा रही थी। जिसके चलते ही अज्ञात पैसा देने वाले ने उन्हें पैसा तो दिया और उसका वीडियो भी बना लिया। अब वही वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है।
देर रात वायरल वीडियो एसडीएम सदर के साथ ही उच्चाधिकारियों तक पहुंचा तो हड़कंप मच गया। जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पेशाकर को निलंबित करने का निर्देश जारी किया है साथ ही मामले की जांच एडीएम प्रशासन को सौंप दी है। एडीएम की रिपोर्ट आने के बाद पेशकार के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
वैसे यह पहला मामला नहीं है। इसके पूर्व एसडीएम के नाम पर पैसा मांगते हुए एक व्यक्ति द्वारा फोन पर पैसा मांगने का आडियो वायरल हुआ था जो काफी चर्चा में रहा। इसके अलावा एसडीएम और पेशकार एक फैसले को लेकर भी विवाद में घिरे हुए है। बंधे की सरकारी जमीन के मामले में एसडीएम सदर व पेशकार पर सरकारी भूमि का फैसला किसी दूसरे व्यक्ति के नाम दर्ज का आरोप लगा है। इस मामले की जांच के लिए मंडलायुक्त ने अपर आयुक्त प्रशासन धर्मेंद्र सिंह व अपर आयुक्त न्यायिक अनिल कुमार मिश्र की दो सदस्यीय टीम गठित कर मामले की जांच करा रही है।
आरोप है कि शहर के एलवल में गाटा संख्या 1214 बंधे खाते की भूमि है। वर्ष 2018 में सोमारू ने इस जमीन पर मुकदमा दाखिल किया था। यह मुकदमा एसडीएम न्यायालय में चल रहा था। 14 नवंबर को बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता ने मंडलायुक्त को प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया कि काफी दिनों से विवादित बंधे की सरकारी जमीन को एसडीएम सदर प्रशांत नायक ने सोमारू के नाम दाखिल खारिज कर दिया है। आरोप है कि 328 कड़ी जमीन में से 220 कड़ी जमीन लगभग पौन बीघा सोमारू के नाम की गई है। अभी 108 कड़ी जमीन बंधे के नाम दर्ज है। यह मामला भी काफी चर्चा में है।
BY-Ranvijay Singh
Published on:
20 Nov 2019 01:36 pm
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