scriptक्या पूर्व मंत्री वसीम अहमद की पत्नी को सपा लड़ाएगी विधानसभा चुनाव?, पूर्व सीएम से मुलाकत के बाद चर्चा हुई तेज | will Samajwadi Party Make Waseem Ahmed wife Vidhansabha Candidate | Patrika News
आजमगढ़

क्या पूर्व मंत्री वसीम अहमद की पत्नी को सपा लड़ाएगी विधानसभा चुनाव?, पूर्व सीएम से मुलाकत के बाद चर्चा हुई तेज

वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव को जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश है। पूर्व मंत्री वसीम अहमद की पत्नी ने हाल में ही अखिलेश यादव से मुलाकात किया है। वसीम अहमद सपा के कद्दावर नेताओें में गिने जाते थे। वसीम की पत्नी के अखिलेश से मुलाकात के बाद उनका बंद पड़ा कार्यालय भी गुलजार हो गया है। ऐेसे में चर्चा है कि क्या अखिलेश यादव इस बार पूर्व मंत्री की पत्नी को मैदान में उतारेंगे ताकि सहानुभूूति का फायदा मिल सके।

आजमगढ़Jul 20, 2021 / 10:41 am

रफतउद्दीन फरीद

अखिलेश यादव से मुलाकात करने पहुंची पूर्व मंत्री वसीम अहमद की पत्नी समा वसीम

अखिलेश यादव से मुलाकात करने पहुंची पूर्व मंत्री वसीम अहमद की पत्नी समा वसीम

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ़. मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे पूर्व मंत्री की पत्नी की सपा मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात और फिर बंद पड़े उनके कार्यालय का गुलजार होना नई राजनीतिक चर्चाओं को जन्म दे रहा है। कुछ सपाइयों के बेचैनी भी इससेे बढ़ गयी है। सूत्रों की माने तो जिस तरह पार्टी फूलपुर से बाहुबली रमाकांत यादव को विधानसभा चुनाव लड़ाने की रणनीति पर काम कर रही है ठीक उसी तरह गोपालपुर में पूर्व मंत्री की पत्नी समा वसीम को मैदान में उतारा जा सकता है। ताकि सहानभूमि का फायदा उठाया जा सके।

बता दें कि ओवैसी का पूर्वांचल में चुनाव लड़ने की घोषणा और भीम आर्मी चीफ की सक्रियता ने राजनीतिक दलों की बेचैनी बढ़ा दी है। इनके कार्यक्रमों में जुट रही भीड़ राजनीतिक दलों की उलझन बढ़ा रही है। वही कांग्रेस भी पूरी तरह दलित और मुस्लिम मतदाताओं पर फोकश कर रही है। जिसकी कमान खुद प्रियंका गांधी ने संभाल रखी है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा और बसपा दोनों का ही प्रदर्शन आजमगढ़ मंडल में खराब रहा। आजमगढ़ जिले नेे इन दोनों दलों की इज्जत जरूर बचा ली थी। कारण कि यहां सपा को पांच और बसपा को चार सीट मिली थी।

अब राजनीतिक दल वर्ष 2022 में होने वाले चुनाव की तैयारियों में जुटे है। सभी के सामने चुनौती है कि ओवैसी और चंद्रशेखर की काट खोंजे। कारण कि चंद्रशेखर जहां सर्वाधिक नुकसान बसपा को पहुंचाते दिख रहे हैं वहीं ओवैसी सपा का सीधा नुकसान कर रहे है। सूत्रों की माने तोे हालात को देखते हुए सपा हाईकमान ने रणनीति बदलने का फैसला किया है। पार्टी अपने मजबूत गढ़ फूूलपुर को बचाने के लिए बाहुबली रमाकांत यादव को यहां से विधानसभा चुनाव लड़ा सकती है। रमाकांत कहीं न कहीं तैयारी करते भी दिख रहे हैं।

वहीं गोपालपुर में विधायक नफीस अहमद के प्रति नाराजगी है। पूर्व में कारोबारी को धमकाते हुए उनकी आडियो वायरल हो चुकी है। यहीं नहीं उनपर दूसरे क्षेत्र का होने का भी आरोप लगता रहा है। वहीं पूर्व मंत्री स्व. वसीम अहमद गोपालपुर क्षेत्र के कद्दावर नेताओं में शुमार थे। उन्हें मुलायम सिंह का करीबी भी माना जाता था। वे गोपालपुर से तीन बार विधायक रहे।

वसीम अहमद को 2012 में सपा की सरकार में राज्यमंत्री बनाया गया था। उनके निधन के बाद से ही उनका बिंदवल कार्यालय भी बंद हो गया था लेकिन हाल में उनकी पत्नी समा वसीम ने अखिलेश यादव से मुलाकात कर राजनीतिक तपिश को बढ़ा दिया है। अखिलेश से समा वसीम की मुलाकात के बाद पूर्व मंत्री का कार्यालय भी पहले की तरह गुलजार हो उठा है। ऐसे में इस बात की चर्चा जोरों पर हो रही है कि पार्टी उन्हें चुनाव में उतार सकती है। कारण कि समा के मैदान में आने पर सहानुभूति भी मिलेगी और मतदाताओं के किसी तरह की नाराजगी का कोई खतरा भी नहीं होगा। वैसेे इस मामले में सपा का कोई नेेता कुछ बोलने को तैयार नहीं है। वहीं समा परवीन ने अखिलेश यादव से मुलाकात को औपचारिक बताया है।

BY Ran vijay singh

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो