
प्रतीकात्मक फोटो
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ़.(world menopause day) रजोनिवृत्ति (मेनोपाज) 45 से 55 साल के बीच की उम्र में होता है। रजोनिवृत्ति होने पर महिला के शरीर में शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के पविर्तन पाए जाते हैं। कभी कभी ये परिवर्तन इतनी धीमी गति से होते हैं कि महिला को कोई असुविधा नहीं होती। वहीं कुछ महिलाओं में यह परिवर्तन काफी तेज होता है जिससेे उन्हें तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। महिलाओं को इसके प्रति जागरूक करने के लिए प्रति वर्ष 18 अक्टूबर को विश्व रजोनिवृत्ति (मेनोपाज) दिवस मनाया जाता है।
जिला महिला अस्पताल में तैनात महिला रोेग विशेषज्ञ डा. रश्मि सिन्हा बताती हैं कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है। रजोनिवृत्ति लक्षण हर महिला में अलग-अलग दिखाई देते हैं। किसी में अचानक मासिक धर्म आना बंद हो जाता है तो किसी में यह प्रक्रिया 1-2 साल तक चलती है। कई मामलों में देखा गया है कि कुछ महिलाओं को 45 वर्ष के उम्र से पहले ही रजोनिवृत्ति आ जाता है।
उन्होंने बताया कि नींद न आना, रात को बेचौनी व पसीना आना, शरीर के अलग-अलग भागों में दर्द रहना, चिड़चिड़ापन, मन उदास रहना, चिंता, थकान, शारीरिक कमजोरी, पेट से संबंधित समस्या, पाचनशक्ति कमजोर हो जाना, जी मिचलाना व उल्टियां आना, योनि में सूखापन आदि रजोनिवृत्ति के प्रमुख लक्षण है। कभी कभी सिर में तेज दर्द भी होने लगता है। इससे महिलाओं को तमाम दिक्कत का सामना करना पड़ता है। जागरूक रहकर ही इन समस्याओं से बचा जा सकता है। कारण कि यह महिला जीवन में एक सामान्य प्रक्रिया है। इससे होकर सभी को गुजरना है।
डा. रश्मि के मुताबिक रजोनिवृत्ति के बाद महिलाएं नियमित व्यायाम करें। इससे स्वास्थ्य ठीक रहने के साथ ही नींद अच्छी आएगी। योग से शरीर भी स्वस्थ्य रहेगा। कुछ महिलाओं में रजोनिवृत्ति के बाद हड्डियां भी कमजोर हो जाती हैं। इसलिए आहार में दूध, दही, अंडे आदि शामिल करें। रजोनिवृत्ति के दौरान डिप्रेशन, स्ट्रेस, अकेले रहने की आदत और अनिद्रा जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह समस्या होने पर चिकित्सकीय परामर्श अवश्य लें। उन्होंने कहा कि रजोनिवृत्ति एक निश्चित उम्र के बाद होना निश्चित है। इसलिए इससे निजात नहीं पाया जा सकता है। हम जागरूक रहकर और जीवनशैली में बदलाव लाकर इससे राहत जरूर पा सकते हैं।
Published on:
18 Oct 2021 09:37 am
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