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अंजड़ कॉलेज के विद्यार्थियों ने मार्ग पर बैठ किया धरना प्रदर्शन

-छात्र-छात्राओं ने कालेज प्रशासन और प्राचार्य के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जमकर हंगामा किया

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 Anjad College students protested by sitting on the road

Anjad College students protested by sitting on the road

अंजड़. बड़वानी जिले के अंजड़ नगर की शासकीय कॉलेज के विद्यार्थियों ने मंगलवार सडक़ पर बैठक कर धरना प्रदर्शन किया गया। छात्र-छात्राओं ने कालेज प्रशासन और प्राचार्य के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जमकर हंगामा किया। बताया जा रहा कि छात्र अपनी मांगों को लेकर गुस्से में थे। वहीं छात्रों के प्रदर्शन से सडक़ पर गाडिय़ों की लंबी कतार लग गई, लोगों की आवाजाही ठप हो गई। कई घंटों तक लोग जाम में फंसे रहे।
दरअसल, कालेज के छात्रों के द्वारा अपनी मांगों जिसमें प्रमुख मांग कई विषयों के प्राध्यापकों की कमी, आईडी कार्ड जारी करना, कालेज में ड्रेस कोड लागू करवाने सहित कॉलेज में असामाजिक तत्वों के घुसने पर रोक लगाने के लिए सिक्युरिटी गार्ड को लेकर थी। छात्रों द्वारा पुर्व में आवेदन के माध्यम से अपनी मांगों को कॉलेज प्रबंधन के समक्ष रखा गया था, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने पर आज एक बार फिर कॉलेज प्रशासन से बात कर छात्रों ने बड़वानी इंदौर रोड जाम कर दिया। वहीं करीब एक घंटे तक नारेबाजी कर प्रदर्शन रहे। जिसके बाद अंजड़ थाना प्रभारी सोनल सिसौदिया ओर तहसीलदार बबली बर्डे दलबदल के साथ पहुंची और रोड पर बैठे छात्रों से चर्चा कर रोड खुलवाया। कॉलेज प्राचार्य उमेश कुमार कांकेश्वर ओर छात्रों के बीच समंवय स्थापित कर मामला शांत कराया गया है।
कॉलेज प्रशासन ने इस बात को स्वीकारा
प्राचार्य उमेश कुमार कांकेश्वर ने बताया कि कॉलेज प्रशासन इस बात को स्वीकारता है कि यहां पर इतिहास विषय के और रसायन विषय के दो पद खाली, लेकिन ये दोनों पर शासन द्वारा 26 से 30 तारीख तक अतिथि विद्वान प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है, तो हम उम्मीद करते हैं आशा करते हैं कि 26 से 30 के मध्य नियत तारीख को मैं हमारे यहां पर अतिथि विद्वान पदस्थ हो जाएंगे, जिससे बच्चों को पढ़ाई का नुकसान उठाना नहीं पड़े। उनकी समस्याओं को महाविद्यालय को प्रस्तुत किया गया। इस संबंध में काउंसलिंग मीटिंग रखी है। स्टाफ काउंसलिंग की मीटिंग में हमने छात्र प्रतिनिधियों को भी बुलाया। उसमें ये बताया कि करीब 70 प्रतिशत विद्यार्थी ग्रामीण एरिया से आते है। ग्रामीण क्षेत्र से कारण है। इस कारण हर बच्चा ड्रेस कोड मेंटेन नहीं कर सकता है। ड्रेस कोड मेंटेन नहीं करने के कारण हमारा महाविद्यालय में जो स्टाफ काउंसलिंग की बैठक हुई उसमें यह डिसीजन हुआ की 70 प्रतिशत बच्चों की सहमिति के पश्चात हम इसे लागू कर देंगे, यात्री प्रतीक्षालय जो वर्तमान में क्षतिग्रस्त है। उसको लेकर उन्होंने बताया की इस विषय में मैं कोई अपनी राय व्यक्त नहीं करना चाहूंगा। छात्रों द्वारा आंदोलन किया जा रहा है। आपसे चर्चा की गई,अन्य विषयों को लेकर उन्होंने बताया कि उनके द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों का अवगत करवाया गया है।
छात्रों की प्रमुख है तीन मांगें
पत्रिका प्रतिनिधि नितेश बंसल ने इस संबंध में एनएसयूआइ छात्र संगठन के हेमंत तोमर से बात कही तो उन्होंने बताया कि छात्रों की तीन चार प्रमुख मांगे है। महाविद्यालय ने नहीं मानी है। पहली मांग ये है कि यात्री प्रतीक्षालय जो खंडित हो चुका है और उसे बनाने के लिए कई बार उनके द्वारा मांग की गई है। आवेदन भी दिया जा चुका है और कोई आश्वासन प्राप्त नहीं हुआ है और परिसर में के आसपास कुछ आवारा तत्व भी घूमते है। जिसके लिए हमने आईडी की मांग की थी। अभी तक उसे पर भी कार्रवाई नहीं होने की जानकारी दी है और बताया कि महाविद्यालय में अध्यापन कार्य संपन्न करने के लिए प्राध्यापकों की भी कमी है। वर्ष निकल चुका है और शीघ्र ही परीक्षा प्रारंभ होने वाली है। वहीं इस पूरे मामले में प्राचार्य ने आवश्यक बैठक के बाद निराकरण करने की बात कही विद्यार्थियों द्वारा मांग की जा रही है। थाना प्रभारी सिसौदिया ने बताया कि कॉलेज में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा था। महाविद्यालय प्रशासन एवं विद्यार्थियों को आपसी समझाइश और आश्वासन देकर जाम को हटाया गया। जिसमें ड्रेस कोड और आईडी कार्ड को लेकर सहमति बनी है।