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कलेक्टर ने सीखा .. वाह .. ऐसे बनाते हैं गुड़

कलेक्टर तेजस्वी एस नायक को बताया गया कि गुड बनाने में वो किसी केमिकल का उपयोग नहीं करते और इंदौर और बडवानी में ही उनका बनाया पूरा माल बिक जाता है। 

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Rajiv Jain

Dec 26, 2016

Collector learned how to make raw sugar or gud

Collector learned how to make raw sugar or gud

बड़वानी. ग्राम पिपलाज में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत संचालित गुड़ बनाने के कारखाने का निरीक्षण कलेक्टर तेजस्वी एस नायक ने किया। उन्होंने खुद गुड़ बनाकर भी देखा। कारखाने के संचालक रमेश पटेल से बनने वाले गुड़ और उसे बेचने संबंधी जानकारी ली। विक्रय संबंधी जानकारी भी प्राप्त की। कलेक्टर के साथ सहायक कलेक्टर शिवम वर्मा, महाप्रबधंक उद्योग एसएस मंडलोई भी थे।
कारखाने के निरीक्षण के दौरान रमेश पटेल ने बताया उन्होंने योजना के तहत 20 लाख का ऋण लिया है। इसके माध्यम से वे 6 लाख की मशीनें गुजरात से लाए हैं। वे वर्ष में 90 दिन गुड़ बनाने का कार्य करवाते हैं। उन्हें 30 एकड़ में लगे गन्ने की आवश्यकता होती है। इतने गन्ने के रस से वे लगभग 1 हजार क्विंटल गुड़ बनाते हंै। इस गुड़ को बनाने में वे कोई केमिकल का उपयोग न करते हुए भिंडी के पौधे का उपयोग करते है। उनके यहां बना पूरा गुड़ बड़वानी और इंदौर जिले में बिक जाता है। लगभग 35 रुपए किलो की दर पर बिकने वाले इस गुड़ से उन्हें अच्छा लाभ हो जाता है। वे लगभग 6 लोगों को 90 दिन का रोजगार भी उपलब्ध कराते हंै। गुड़ कारखाने के निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने कारखाने के मालिक को अपेन गुड़ की पैकेजिंग को ओर आकर्षक बनाने का सुझाव देते हुए आश्वस्त किया कि उनके गुड़ की खपत जिले के आंगनवाडिय़ों में बच्चो को दिए जाने वाले पूरक पोषण आहार में तथा किशोरी बालिका को दिए जाने वाले आहार में हो सके, इसका शीघ्र ही परीक्षण कराकर उचित निर्णय लिया जाएगा।


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