इस मामले में शिकायत के बाद दवाना सोसायटी अध्यक्ष बद्रीलाल मुकाती, उपाध्यक्ष राजेश पाटीदार ने माना कि खाद खराब हो सकती है। सोसायटी शाखा प्रबंधक सुभाष शर्मा का कहना था कि मुंबई की कंपनी से खाद बुलवाया गया था। शिकायत मिलने पर कंपनी को खाद वापस भेजा जाएगा। साथ ही किसानों को खाद के बदले दूसरा खाद दिया जाएगा। किसानों को सोसायटी आने-जाने का लगने वाला आर्थिक भार भी कंपनी से दिलवाया जाएगा। अब सवाल ये है कि एक सोसायटी में मामला सामने आया है, जबकि जिलेभर में गोदावरी डीएपी खाद बेची जा चुकी है। विपणन संघ बड़वानी के संविदा क्षेत्र सहायक अधिकारी कैलाश कुशवाह की माने तो जिले में 12 हजार बोरी खाद की आवक हुई थी। फिलहाल में किसी भी गोदाम में खाद नहीं बचा है। कई किसान तो इस खाद को खेत में डाल भी चुके होंगे। ऐसे में फसल खराब होने पर किसकी जिम्मेदारी रहेगी।