वहीं, एमपी स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन जनजातीय क्षेत्रों में बकरी के दूध का संकलन करेगा। इससे आदिवासी लोगों की आय में इजाफा होगा। मध्यप्रदेश के लोगों को स्वास्थ्यवर्धक और सुपाच्य बकरी का दूध 15 नवंबर, सोमवार से मिलने लगेगा।
Must See: फिर हुई गांधी के हत्यारे गोडसे की पूजा प्रशासन को नहीं लगी भनक
छत्तीसगढ़ में पहले से प्रयोगपड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में वर्ष 2020 से ही पशुपालकों से 2 रुपए प्रति किलो की दर से गोबर खरीदा जा रहा है। इससे 1.81 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हो रहे हैं। पशुपालन एवं डेयरी मंत्री प्रेमसिंह पटेल सोमवार को बड़वानी के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में बकरी दूध विक्रय का शुभारंभ करेंगे। शुरुआत जबलपुर और इंदौर के आदिवासी बहुल जिलों से एकत्र दूध से होगी। आदिवासियों से 50 से 70 रुपए प्रति लीटर की दर से दूध खरीदा जा रहा है। 200 एमएल की बॉटल में अधिकतम 30 रुपए की दर से इसकी बिक्री होगी।
बकरी का दूध कॉर्बोहाईड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, तांबा, जिंक आदि का उत्तम स्त्रोत होने से यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है। साथ ही बकरी का दूध रक्त में प्लेटलेट्स को नियंत्रित कर डेंगू से भी सुरक्षा प्रदान करता है।