बड़वानी. सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ाने से प्रभावित हो रहे बड़वानी, खरगोन, अलिराजपुर और धार जिले के डूब प्रभावितों का विरोध जारी है। बुधवार को अनसन पर बैठी मेधा पाटकर की तबीयत अचानक खराब हो गई। जिला प्रशासन ने डॉक्टरों की टीम जांच के लिए भेजी। मेधा के तेवर देखकर उन्हें वहां से भागना पड़ा। वहीं भड़के कार्यकर्ताओं ने टीम से कहा जब तक मांगे पूरी नहीं होगी हम यहां से नहीं हटेंगे।

इधर नर्मदा बचाओ आंदोलन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए आठ अगस्त तक का समय दिया है। नर्मदा बचाओ आंदोलन अभी फैसले का अध्ययन कर रहा है। इसके बाद ही नबआं नेत्री मेधा पाटकर अपना अधिकृत बयान देंगी। गौरतलब है कि 31 जुलाई तक प्रशासन को गांवों का पुनर्वास करना था। इसके बाद भी अब तक आधे से ज्यादा परिवार डूब गांवों में ही निवासरत हैं। संपूर्ण पुनर्वास की मांग को लेकर नबआं और डूब प्रभावित विभिन्न आंदोलन भी चला रहे हैं। 31 जुलाई बड़वानी, धार, खरगोन और आलीराजपुर के 178 गांवों को खाली कराने की आखिरी तारीख थी।