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शांति की अपील के लिए जा रही मेधा पाटकर और सुप्रीम कोर्ट के वकील को पुलिस ने रोका

जिस क्षेत्र में रामनवमीं पर हुआ पथराव वहां लोगों से मिलने जा रही मेधा पाटकर सहित वकील को पुलिस ने रोक लौटाया, प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने सेंधवा से 16 किमी पहले चेक पोस्ट पर रोका

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Police stopped Medha Patkar and Supreme Court lawyer

Police stopped Medha Patkar and Supreme Court lawyer

Badwani/सेंधवा.
रामनवमीं पर नगर के जोगवाड़ा रोड पर शोभायात्रा पर पथराव के बाद हुए सांप्रदायिक उन्माद अब शांत हो चुका है। आम जनजीवन सामान्य है। इसी बीच पीडि़त लोगों से मिलने और दंगा प्रभावित क्षेत्र में शांति की अपील करने जाने की इच्छा रखने वाले समाजसेवी और अन्य लोगों को पुलिस और प्रशासन ने सेंधवा में प्रवेश से रोका और लौटा दिया। सेंधवा के आम लोगों का भी कहना है कि जब स्थिति सामान्य हो गई है और दोनों वर्ग के लोगों द्वारा स्वयं शांति स्थापना की चर्चा की जा रही है, तो फिर नगर के बाहरी लोगों द्वारा किसी भी तरह की गतिविधि नहीं किया जाना चाहिए।
नगर के 16 किमी पहले रोका मेधा पाटकर का वाहन
नगर में हुए सांप्रदायिक झंगड़े के बाद पुलिस और प्रशासन ने दोनों पक्षों के लोगों पर कार्रवाई की है। कई लोग अभी भी चिह्नित किए जा रहे है। इसी बीच समाजसेवी मेघा पाटकर सहित अन्य लोगों द्वारा दंगा प्रभावित क्षेत्र में आम लोगों से मिलने और शांति की अपील करने की पहल के साथ सेंधवा आने का निर्णय लिया था। हालांकि प्रशासन द्वारा इन्हें सेंधवा से 16 किमी पहले बालसमुद चेक पोस्ट पर रोक दिया। इसके बाद पुलिस और अधिकारियों की मौजूदगी में मेघा पाटकर को वापिस लौटना पड़ा। उनके साथ सुप्रीम कोर्ट वकील एहतेशाम हाशमी भी थे।
पाटकर ने कहा हम गोडसे नहीं गांधी को मानते है
पुलिस द्वारा रोके जाने पर मेधा पाटकर ने कहा कि सेंधवा में जो हो रहा है वह बहुत दुखद है। हम शांति का आह्वान करने जा रहे थे, लेकिन हमें रोक लिया गया। उन्होंने प्रशासन पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि कोई आरोप नहीं, कोई पंचनामा नहीं, कोई नुकसान भरपाई की बात नहीं, जो युवा जेल में है उन युवाओं पर झूठे आरोप लगाए गए। उन्होंने कहा कि हम महात्मा गांधी को मानने वाले लोग हैं गोडसे को नहीं। हमारा हरदम शांति का पथ रहेगा। एडवोकेट एहतेशाम हाशमी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वकील और एक समाजसेविका को भी जाने नहीं दिया जाएगा तो समाज में क्या संदेश जाएगा। उन्होंने इस मामले पर एसआईटी के गठन की मांग की।
ये था मामला
10 अप्रेल को रामनवमीं के जुलूस के दौरान शोभायात्रा जैसे ही जोगवाड़ा रोड पर धर्मस्थल के सामने पहुंची। वैसे ही वर्ग विशेष के लोगों ने डीजे बजाने की बात को लेकर पथराव कर दिया। इसके बाद दोनों वर्गों के बीच जमकर पथराव हुई कई लोग घायल भी हुए। पुलिस ने दोनों समुदाय के लोगों पर प्रकरण दर्ज किए है। पथराव में शामिल वर्ग विशेष के लोगों के घर भी बुलडोजर से गिराए गए है। पुलिस ने कार्रवाई के दौराब बड़ी चूक करते हुए तीन ऐसे युवकों के खिलाफ दंगा करने की कार्रवाई कर दी जो पहले ही जेल में बंद थे। ये मामला अब तूल पकड़ रहा है। नगर में वर्तमान में शांति है।