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नर्मदा बचाओ आंदोलन के खिलाफ ट्रैक्टर मालिकों ने दिया धरना

आंदोलन कार्यकर्ताओं पर लगा गंभीर आरोप, की कार्रवाई की मांग, आंदोलन ने बताया रेत माफियाओं का नया हथकंडा, रोक के बाद भी चल रहा खनन

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Rajiv Jain

Jan 18, 2017

Tractor owners agitation against Narmada Bachao An

Tractor owners agitation against Narmada Bachao Andolan

बड़वानी. अवैध रेत खनन को रोकने की मांग करने वाले नर्मदा बचाओ आंदोलन व आंदोलनकारियों के खिलाफ क्षेत्र के ट्रैक्टर मालिकों ने बुधवार को पुराने कलेक्टोरेट के सामने धरना दिया। इस दौरान इन्होंने आंदोलन कार्यकर्ताओं पर रेत खनन में शामिल होने के आरोप भी लगाए। इन्होंने बताया कि आंदोलन कार्यकर्ता प्रशासन पर दबाव बनाकर आदिवासी ट्रैक्टर वालों के झूठे प्रकरण बनवा रहे हैं। इनके द्वारा खाली ट्रैक्टरों को पकड़कर केस दर्ज कराए जा रहे हैं। धरने पर बैठे लोगों ने बताया कि कुछ दिनों पूर्व आंदोलनकारियों के यहां से ही रेत जब्त कर प्रशासन ने कार्रवाई की थी। इस मामले में भी इन्होंने सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं इस संबंध में आंदोलन के कार्यकर्ताओं का कहना है कि रेत माफियाओं का ये हथकंडा है। जो लोग धरने पर बैठे हैं, वे लंबे समय से रेत खनन का कार्य कर रहे हैं। इनके ट्रैक्टर कई बार पकड़े भी गए हैं। ये रेत खनन में लिप्त नहीं होते तो खनिज विभाग कार्रवाई क्यों करता। आंदोलन के राहुल यादव ने उनके यहां से जब्त की गई रेत के संबंध में बताया कि उनके यहां मकान निर्माण में रॉयल्टी की रेत का उपयोग हो रहा था। हमारे पास इसके दस्तावेज भी हैं। हमनें अवैध रेत का उपयोग नहीं किया है।

न्यायालय व एनजीटी की रोक के बाद भी हो रहा खनन
नर्मदा के कैचमेंट एरिया और किनारों पर रेत खनन पर जबलपुर उच्च न्यायालय और एनजीटी ने रोक लगा रखी है। रेत खनन पर प्रतिबंध होने के बाद भी यहां अवैध रेत खनन का काम चल रहा है। जबलुपर हाइकोर्ट ने 6 मई 2015 में रेत खनन पर रोक लगाई थी जो अभी जारी है। वहीं एनजीटी ने 26 फरवरी 2016 को खनन पर रोक लगाई है। इसमें बड़वानी, खरगोन, अलीराजपुर व धार जिले के क्षेत्र शामिल हैं। रेत खनन पर रोक होने के बाद भी हो रहे खनन पर सवाल खड़े हो रहे हैं।


अब तक पकड़वाए हैं 100 ट्रैक्टर
नर्मदा बचाओ आंदोलन के मुकेश भगोरिया और राहुल यादव ने बताया कि 2015 से अभी तक कार्यकर्ताओं ने बड़वानी, धार व खरगोन जिले में करीब 100 ट्रैक्टर पकड़वाए हैं। प्रतिबंध के बाद इतने बड़े पैमाने पर हो रहे रेत खनन पर खजिन विभाग और प्रशासन भी ज्यादा ध्यान नहीं दे रहा है। जब भी रेत खनन की जानकारी दी जाती है तो अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचते हैं।


मुख्यमंत्री देखें नर्मदा के तटों की स्थिति
इस मामले में नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर नेकहा कि रेत खनन का अवैध काम जारी है। खनिज विभाग भी कार्रवाई नहीं कर रहा है। ये पूरा काम प्रशासन ही करवा रहा है। आज भी अवैध खनन जारी है। प्रशासन खनन करने वालों का पूरा साथ दे रहा है। मुख्यमंत्री मंचों से खनन रोकने की बात करते हैं और यहां रोक के बाद भी अवैध खनन चल रहा है। इस पर कोई कुछ क्यों नहीं बोल रहा है। मुख्यमंत्री 21 तारीख को बड़वानी आ रहे हैं तो उन्होंने नर्मदा के तटों की स्थिति देखना चाहिए। खनन माफियाओं ने तटों को खोखला कर दिया है।

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