27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

शादी का सपना संजोए हजारों युवाओं की उम्मीदों पर लॉकडाउन ने फेरा पानी, पंडित बोले…

शादिया रद्द होने से पंडित से लेकर मजदूरों, दुकानदारों, हलवाइयों, टेंट वालों और दूध की डेरियों पर भी देखा जा रहा है असर

2 min read
Google source verification

बागपत. कोविड-19 संक्रमण के चलते देशभर में जहां सभी सार्वजनिक कार्य पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं। वहीं, धार्मिक कार्यों पर भी इसका बुरा असर देखने को मिला है। मंदिरों में पूजा-पाठ बंद है। इसका दंश कर्मकांड पण्डित को भी झेलना पड़ रहा है। लॉकडाउन के कारण शादी विवाह पर भी इसका बड़ा असर देखने को मिला है, जिसके चलते हजारों युवा कुंवारे रह गए हैं। पंडितों का कहना है कि शुभ मुहूर्त में इस बार 10000 के करीब शादियां इन 2 महीनों में हो जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया, जिसके चलते हजारों युवक और युवतियां विवाह के बंधन में नहीं बंध सके हैं।

यह भी पढ़ें- लॉकडाउन में फंसे लोगों को लेकर जा रही बस पर टूट पड़ी आफत, ऐसे मिली राहत

दरअसल, बैसाखी का त्यौहार आते ही हर तरफ खुशियों का माहौल होता था। एक तरफ किसान गेहूं की फसल की कटाई को लेकर खुशियां मनाते थे और बैसाखी पर एक दूसरे के साथ बैठकर त्योहार का आनंद लेते थे। वहीं, बैसाखी के बाद से ही शादियों का सीजन भी शुरू हो जाता था। पूजा-पाठ से लेकर धार्मिक अनुष्ठान और विवाह में लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे, लेकिन कोविड-19 संक्रमण बीमारी के चलते सभी पर विराम से लग गया है। बागपत जनपद के बड़ा गांव निवासी पंडित श्रीकांत शास्त्री का कहना है कि सभी धार्मिक कार्य लॉकडाउन के कारण बंद हो चुके हैं, जो यात्री आते थे। वह नहीं आ रहे हैं, जो कर्मकांडी ब्राह्मण हैं। वह इस वक्त अपने घर बैठे हुए हैं। पूजा-पाठ नहीं हो रही है।

यह भी पढ़ें- हरियाणा में फंसे 40 मजदूर रोडवेज बसों से पहुंचे बुलंदशहर तो दिखा ऐसा नजारा

अगर कोई इमरजेंसी कार्यक्रम आ रहे हैं तो वह भी एक ब्राह्मण को ही करना पड़ रहा है, जो बाहर से आने वाले ब्राह्मण है और मंदिरों में रह रहे हैं। उनको परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्हें खाने-पीने की व्यवस्था भी नहीं हो पा रही है। शादी-विवाहों का भी कार्यक्रम बंद हो जाने के कारण रोजगार का एक बहुत बड़ा संकट आ गया है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की वजह से जनपद में 1000 से लेकर 10000 तक शादियां प्रभावित हुई हैं। इस सीजन में 10000 के करीब शादियां होने का अनुमान था। शादियों के रद्द हो जाने से रोजगार पर भी बुरा असर पड़ा है। ब्राह्मण से लेकर मजदूरों, दुकानदारों, हलवाइयों, और टेंट वालों के कारोबार सहित दूध की डेरियों पर भी असर देखने को मिला है।