
चौमूं में एसडीएम को ज्ञापन देते लोग।
जयपुर. चौमूं. देश में बनाई जा रही कई बॉलीवुड फिल्में (Bollywood Movies) लोगों को मनोरंजन के साथ-साथ कुछ संदेश भी देती हैं, लेकिन कई बार इनमें प्रयोग किए गए शब्द, दृश्य विवाद का कारण भी बन जाते हैं। कुछ ऐसा ही हो रहा है राजधानी जयपुर के पास स्थित चौमूं कस्बे के साथ। कई बॉलीवुड फिल्मों में चौमूं शब्द का उपयोग व्यंग्यात्मक रूप में किया जा रहा है। कस्बे की छवि को लेकर अब स्थानीय लोग जागरूक हो गए हैं और विरोध दर्ज करा रहे हैं। अब तक तकरीबन एक दर्जन से अधिक फिल्मों में चौमूं शब्द का उपयोग किया जा चुका है। इस शब्द को फिल्मों में व्यंग्यात्मक रूप में, बतौर उपहास इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसे लेकर अब विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं। स्थानीय लोगों ने बुधवार को चौमूं कस्बे में उपखंड अधिकारी हिम्मत सिंह को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है। गौरतलब है कि फिल्म पदमावत (Padmavat Movie) को भी लोगों के विरोध के कारण राजस्थान में बैन कर दिया गया था। इसके साथ ही अनेक ऐसे उदाहरण हैं जिनमें लोगों के विरोध पर फिल्मों पर प्रदेश में रोक लगाई गई थी।
एसडीएम के सामने जताया विरोध
युवा शक्ति संगठन के संयोजक व राजस्थान विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर सी.बी. यादव के नेतृत्व में नितिन कक्कर द्वारा निर्देशित फिल्म दीवानी जानेमन के ट्रेलर में चौमूं शब्द के उपयोग पर क्षेत्र के लोगों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है। युवा शक्ति संगठन के कार्यकर्ताओं ने एसडीएम कार्यालय के सामने नारेबाजी करके विरोध प्रदर्शन जताया। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि शीघ्र से शीघ्र फिल्म रिलीज होने से पहले इस मुद्दे को उचित माध्यम द्वारा निपटाया जाए।
चौमूं शब्द का इस्तेमाल अभद्रता के रूप में किया
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल तिवारी ने राज्य सरकार से न्यायालय हस्तक्षेप का भी आग्रह किया है। प्रदर्शनकारी युवाओं ने चेताया है कि यदि फिल्म से चौमूं शब्द को नहीं हटाया गया तो शीघ्र ही चौमूं क्षेत्रवासी सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे। संयोजक यादव ने बताया कि हाल ही में दीवानी जानेमन फिल्म का जो ट्रेलर जारी हुआ है। इसमें चौमूं शब्द का इस्तेमाल अभद्रता के रूप में किया गया है, जिससे कि चौमूं क्षेत्र के निवासियों की भावनाएं आहत हुई हैं। फिल्म में मुख्य किरदार सैफ अली खान निभा रहे हैं।
देश की प्रगति में रही अहम भूमिका
कार्यकर्ताओं का कहना था कि चौमूं क्षेत्र का स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर वर्तमान तक योगदान न केवल राजस्थान में बल्कि पूरे देश में उल्लेखनीय रहा है। दुग्ध उत्पादन, फल सब्जी उत्पादन में चौमूं ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। राष्ट्र निर्माण के कार्य में भी क्षेत्र के निवासियों ने सदैव बढ़—चढ़कर हिस्सा लिया है। यहां के युवाओं ने सिविल सेवा परीक्षा सहित मेडिकल तथा इंजीनियरिंग एवं अन्य क्षेत्रों में सदैव अपना परचम लहराया है। अध्यक्ष गोपाल तिवारी ने बताया कि फिल्म में जिस तरह चौमूं को लेकर उपहास उड़ाया गया है। इससे न केवल क्षेत्र के वासियों के आत्म सम्मान को चोट पहुंची है, बल्कि यह राजस्थान के मान सम्मान को लेकर भी आपत्तिजनक बात है।
विधानसभा तक गूंजा था
गौरतलब है कि राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Legislative Assembly) में भी चौमूं (Chomu) शब्द का मामला उठाया गया था, जिस पर स्थानीय विधायक ने कहा था कि हमारा चौमूं अब पहले वाला नहीं रहा।
इन फिल्मों में हुआ इस्तेमाल
— ये जवानी है दीवानी। (Yeh Jawaani Hai Deewani )
— छिछोरे। (Chhichhore)
— दीवानी जानेमन।
— इनके अलावा भी एक दर्जन फिल्मों में हुआ इस्तेमाल।
Published on:
29 Jan 2020 08:36 pm
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