21 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

teacher suicide : ज्योति विद्यापीठ यूनिवर्सिटी में फंदे पर झूलती मिली टीचर

- पहले छात्रा अब शिक्षिका ने की खुदकुशी- जोबनेर पुलिस व आलाधिकारी मौके पर पहुंची- छात्राओं ने घटना के बाद विरोध दर्ज कराया

2 min read
Google source verification

बगरू

image

Kashyap Avasthi

Jul 23, 2019

 teacher suicide in  Jyoti Vidyapeeth university

teacher suicide : ज्योति विद्यापीठ में अब शिक्षिका ने की आत्महत्या

जोबनेर. महलां के समीप ज्योति विद्यापीठ महिला विश्वविद्यालय में मंगलवार शाम करीब पांच बजे शिक्षिका ने आत्महत्या कर ली। इसके बाद विवि. कैंपस में सनसनी फैल गई। लगातार हो रही आत्महत्याओं के बाद छात्राओं ने घटना के बाद विरोध दर्ज कराया।


जानकारी के मुताबिक विवि. की शिक्षिका वृतिका सक्सेना (26) निवासी सीतापुर (यूपी) विवि. में पढ़ाती थी और यहीं कैंपस में रह रही थी। मंगलवार शाम करीब सवा पांच बजे शिक्षिका की रूममैट जब कमरे में पहुंची तो कमरा अंदर से बंद था। उसने काफी देर तक खटखटाया लेकिन काफी देर तक नहीं खोला। इसके बाद वार्डन को सूचना दी। गार्ड बुलवाकर दरवाजा तोड़ा तो वृतिका फंदे पर झूलती मिली।


घटना के बाद कॉलेज में सनसनी फैल गई। सूचना पर पहुंची जोबनेर थाना पुलिस ने शव को उतारकर पोस्टमार्टम के लिए एसएमएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। परिजनों के पहुंचने पर शव का पोस्मार्टम किया जाएगा।


दो माह पहले छात्रा ने की थी आत्महत्या
ज्ञात रहे कि दो माह पूर्व ज्योति विद्यापीठ के हॉस्टल में रहने वाली छात्रा निशा चौहान ने आत्महत्या की थी। इस घटना के बाद छात्राओं ने विवि. प्रशासन पर प्रताडऩा के आरोप लगाते हुए जमकर प्रदर्शन किया था। हालांकि घटना के बाद पुलिस अब तक आत्महत्या के कारणों की तह तक नहीं पहुंच पाई।


कलक्टर से मिली थी छात्राएं
ज्ञात रहे कि दो दिन पहले ही विवि. की छात्राओं ने कलक्टर से मिलकर शिकायत कर समस्याओं के निस्तारण की मांग की थी। ज्ञापन में बीएमएचएस की छात्राओं ने बताया कि यूनिवर्सिटी में अस्पताल होने के बावजूद उन्हें गांवों के अस्पतालों में इंटर्नशिप के लिए भेजा जाता है। जहां वे घर-घर जाकर दरवाजा खटखटाते हैं। मरीजों की डिटेल नोट करते हैं। गांव के मनचले युवक छेड़छाड़ करते हैं। सुबह नौ बजे से रात आठ बजे तक काम कराते हैं। विवि. प्रशासन को पीड़ा बताई लेकिन सुनवाई नहीं हो रही। जबकि सुरक्षा व बिना गार्ड के गांवों में भेजा जाता है। अस्पताल व कॉलेज का प्रचार प्रसार कराते हैं। ट्रांसपोर्ट के नाम पर दस हजार रुपए भी लिए हैं। फोन भी रखने नहीं दिया जाता।