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चार दिन पहले ही पूर्व विधायक ने कुछ इस तरह बयाँ किया था मौत का परिचय !

शायद इसी वजह से पूर्व MLA वारिस अली ने कहीं न कहीं अपना दर्द शायराना अंदाज में fb वाल पर साझा किया था।

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Waris Ali

चार दिन पहले ही पूर्व विधायक ने कुछ इस तरह बयाँ किया था मौत का परिचय !

बहराइच. जिले की नानपारा विधानसभा सीट से BSP के पूर्व विधायक रह चुके वारिस अली की संदिग्ध परिस्तिथियों में नानपारा मिहीपुरवा रोड पर बनी उनकी कई एकड़ की जमीन पर बनी हवेली के अंदर स्थित तालाब में डूबकर हुई पूर्व विधायक के मौत की खबर से इलाके में सनसनी का माहौल छा गया। मृतक विधायक के परिजनों का कहना है कि कोठी के पीछे बने तालाब में मछलियों को चारा डालने के दौरान पैर फिसलने से पूर्व विधायक की मौत होना बता रहे हैं।लेकिन किसी को ये पता नहीं कि पूर्व BSP विधायक वारिस अली ने अपनी मौत से पहले ही अपनी फेसबुक वॉल पर घटना के चार दिन पूर्व यानी 4 जुलाई 2018 को समय 10 बजकर 43 मिनट पर अपनी तस्वीर के साथ शायराना अंदाज में मौत का राज कुछ इस तरह बयाँ किया था...."ज़िंदा रहने के लिये भी आज मरना जरूरी है,कि ये दुनियाँ लाशों की शौकीन हो गयी है ! आंखें बंद करके तमाशा देख रहा है इंसान,इंसानियत जैसे ज़मीन के अंदर सो गयी है !...आपका वारिस अली E. x विधायक। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि कहीं न कहीं पूर्व विधायक को अपनी मौत का अंदाजा काफी पहले ही आभास हो गया था। शायद इसी वजह से पूर्व MLA वारिस अली ने कहीं न कहीं अपना दर्द शायराना अंदाज में fb वाल पर साझा किया था। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता।इसका साक्षात प्रमाण खबर के साथ पूर्व विधायक द्वारा पोस्ट की गई उपरोक्त fb वाल की स्क्रीन शाट साफ गवाही दे रही है।

पत्नी गुलशन जिला पंचायत अध्यक्ष बनी

आप को बता दें कि Ex विधायक वारिश अली अल्पसंख्यक वर्ग के कद्दावर नेता के साथ ही नानपारा क्षेत्र की आवाम के लिये एक जमीनी नेता थे। राजनीति की दुनियां में क़दम रखने से पहले वारिस अली मिहींपुरवा कस्बे में रहते थे। जहाँ पर अपनी जीविका चलाने के लिये उन्होंने टेंट की दुकान खोली और मजदूरों के साथ पल्लेदारी तक कि है।यही नहीं राजनीति में आने से पूर्व मीडिया के क्षेत्र में संवादसूत्र की भूमिका भी अदा कर चुके हैं। वर्ष 2003 में पूर्व विधायक पल्लेदार यूनियन के नेता चुने गए। इलाके की जन समस्याओं के मामलों के निपटारे के लिये बढ़ चढ़कर अपनी भागीदारी अदा करने के कारण वारिश अली की नानपारा क्षेत्र में अलग पहचान बनने लगी। जिसका नतीजा ये रहा कि वर्ष 2000 में पूर्व विधायक की पत्नी गुलशन जिला पंचायत अध्यक्ष बनी और वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट से चुनाव लड़कर पूर्व विधायक वारिस अली भारी बहुमत के साथ नानपारा सीट से MLA बने। लेकिन परिसीमन होने के कारण बलहा विधानसभा का गठन हुआ। वर्ष 2012 में चुनाव हार गए। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले BSP से किनारा कसकर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान पूर्व MLA वारिस अली सपा और कांग्रेस के गठबंधन में नानपारा विधानसभा से चुनाव लड़े, लेकिन BJP उम्मीदवार के आगे चुनाव हार गए। जिनका 8 जुलाई की सुबह घर के अंदर बने तालाब में डूबकर मौत हो गयी।


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