बहराइच. हर साल की तरह इस बार भी बहराइच जिले में बहने वाली घाघरा और सरयू नदी का क़हर शुरू हो गया है। तराई इलाकों और पहाड़ों पर हो रही मूसलाधार बरसात के दबाव से घाघरा और सरयू नदियां अपने उफान पर बह रही हैं। जिससे नदी से सटे कछार वाले इलाको में ग्रामीणों के मकानों और खेतों पर कटान का खतरा बुरी तरह मंडरा रहा है। नदियों के तेज प्रवाह से किसानों की सैकड़ों बीघा फसल जहां नदी में समाहित हो गयी है। वहीं सैकड़ों गांव पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। आलम ये है कि बहराइच जिले की 4 तहसीलों मोतीपुर, नानपारा, महसी और कैसरगंज इलाके के सैकड़ों गांव बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। वहीं तटबन्धों के आस पास नदी का कटान बड़ी तेजी से शुरु हो गया है।
बाढ़ ग्रस्त इलाके के ग्रमीण जहां जिला प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं। वहीं जिला प्रसासन के अफसर हर हाल में बाढ़ पीड़ितों को हर सम्भव मदद उपलब्ध कराने का दावा करते नजर आ रहे हैं। तराई में लगातार हो रही बारिश से नदियों का जलस्तर तेज गति से बढ़ने लगा है जिससे बाढ़ का ख़तरा मंडराने लगा है। घाघरा किनारे बसे गावों में कटान ने जहाँ कहर बरपा रखा है वहीं नदी पल पल किसानों की फसलों और जमीनों को निगलती साफ दिखाई दे रही है। प्रति वर्ष आने वाली बाढ़ की धारा में अब तक दर्जनों गांव का अस्तित्व नदी की धारा में विलीन हो चुका है।