23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सात बार विधायक और दो बार सांसद निर्वाचित हो चुके है बिसेन

विधायक गौरीशंकर बिसेन का राजनीतिक कैरियर

2 min read
Google source verification
bt_gaurishanka_bisen.jpg


बालाघाट. बालाघाट विधायक गौरीशंकर बिसेन सात बाार विधायक और दो बार सांसद निर्वाचित हो चुके है। सातों बार बालाघाट विधानसभा क्षेत्र से वे विधायक निर्वाचित हुए है। वे पहली बार वर्ष 1985 में विधायक निर्वाचित हुए थे। इसके बाद से लगातार वे इसी सीट से विधायक निर्वाचित हुए है।
वर्ष 1985 में गौरीशंकर बिसेन पहली बार बालाघाट विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी के रुप में चुनाव लड़ा। बिसेन ने कांग्रेस पार्टी की सईदा खातून को 7392 मतों के अंतर से चुनावी शिकस्त दी थी।
वर्ष 1990 में गौरीशंकर बिसेन ने पुन: भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा और विधायक निर्वाचित हुए। उन्होंने कांग्रेस के शैलेन्द्र चौकस को 8527 मतों के अंतर से हराया था।
वर्ष 1993 में भाजपा ने पुन: उन पर विश्वास जताया। बालाघाट विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की। इस बार उन्होंने कांग्रेस पार्टी के नंदकिशोर शर्मा को 3000 वोटों के अंतर से हराया था।
वर्ष 1998 में भाजपा ने गौरीशंकर बिसेन को लोकसभा प्रत्याशी बनाया। वे 12 वीं लोकसभा के लिए बालाघाट संसदीय क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए। जबकि बालाघाट विधानसभा क्षेत्र से उनकी पत्नी रेखा बिसेन ने चुनाव लड़ा था। लेकिन वे कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह सरसवार से चुनाव हार गई थी।
वर्ष 2003 में भाजपा ने पुन: गौरीशंकर बिसेन को प्रत्याशी बनाया। वे चौथी बार बालाघाट सीट से विधायक निर्वाचित हुए। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के अशोक सिंह सरसवार को 11429 वोटों के अंतर से परास्त किया था।
वर्ष 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पुन: गौरीशंकर बिसेन पर विश्वास जताया। उन्हें बालाघाट संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया। वे 14 वीं लोकसभा के लिए बालाघाट संसदीय क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए।
वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में गौरीशंकर बिसेन ने फिर से पुराना इतिहास दोहराया। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के अशोक सरसवार को 11000 वोटों के अंतर से परास्त किया। बिसेन पांचवीं बार विधायक निर्वाचित हुए। वे 20 दिसंबर 2008 को सरकार के गठन के बाद केबिनेट मंत्री बनाए गए। इस सरकार में उन्होंने सहकारिता और पीएचई मंत्री का कार्यभार संभाला।
वर्ष 2013 में गौरीश्ंाकर बिसेन फिर से चुनावी मैदान में नजर आए। भाजपा की ओर से चुनाव लड़ा। इस चुनाव में उन्होंने समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी अनुभा मुंजारे को चुनावी शिकस्त दी। उन्होंने 2500 मतों से अनुभा मुंजारे को परास्त छटवीं बार विधायक निर्वाचित हुए। शिवराज सरकार में केबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। इस सरकार में उन्होंने कृषि एवं कल्याण विकास मंत्री का कार्यभार संभाला।
वर्ष 2018 में पार्टी ने पुन: गौरीशंकर बिसेन पर विश्वास जताया। इस चुनाव में बिसेन ने पुन: समाजवादी पार्टी प्रत्याशी अनुभा मुंजारे को 27654 मतों से परास्त किया। इस तरह बिसेन सातवीं बार विधायक निर्वाचित हुए। सितम्बर 2021 में शिवराज सरकार में उन्हें मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग अध्यक्ष का अध्यक्ष बनाया।


बड़ी खबरें

View All

बालाघाट

मध्य प्रदेश न्यूज़

ट्रेंडिंग