चार दिनों में दो मवेशियों की मौत
गौ रक्षक शुभम डेहरे के अनुसार श्रीगाकुलधाम गौशाला में बुधवार को एक और शनिवार को एक मवेशी की मौत हो गई। वर्तमान में दो और मवेशी ऐसे हैं जो सही से चल फिर नहीं पा रहे हैं। अन्य मवेशियों में भी कमजोरी जा रही है। इन्होंने बताया कि वर्तमान में गौशाला में दो कर्मचारी नियमित रूप से मवेशियों की देखभाल और साफ सफाई क लिए रखे गए हैं। लेकिन मवेशियों की सही देख भाल व सेवा नहीं होने से मवेशियों में कमजोरी आ रही है और बीमार होकर अकाल की मर रहे हैं।पर्याप्त भोजन, पानी का अभाव
शुभम के अनुसार गौशाला में वर्तमान में करीब 95 मवेशी है। लेकिन इनके लिहाज से पर्याप्त भोजन व पानी की व्यवस्था नहीं बनाई जा रही है। मवेशियों को चराने के लिए बाहर भी नहीं ले जाता है। पैरा व नमक वाला पानी पीकर किसी तरह से मवेशियों को पाला जा रहा है। पोष्टिक खुराक और बाहर चाराहाग का चारा नहीं मिलने से मवेशियों में कमजोरी आ रही है उनकी सेहत बिगड़ रही है। उन्होंने इस विषय पर चिंता जाहिर करते हुए मामले को गंभीरता से लिए जाने की मांग भी की है।अध्यक्ष व कर्मचारी दे रहे सफाई
मवेशियों की मौत के मामले में समूह की अध्यक्ष तेजवंती उइके व कर्मचारियों का कहना है कि उनकी मौत हादसे में हुई है। उइके के अनुसार गौशाला के कुछ मवेशी कमजोर है, नए मवेशियों के आने पर गौशाला में मवेशियों के बीच संघर्ष होता है। ऐसे में कमजोर मवेशियों को धक्का लगने पर वे गौशाला में बनाए गए चारागाह में गिरकर चोटिल हुए। इसके बाद उनकी मौत हो गई। उइके के अनुसार इसके लिए वे प्रयास कर रहीं हैं। नए व पुराने मवेशी अलग-अलग रहें और उनमें टकराव न हो इसके लिए गौशाला में अलग अलग गाले तैयार किए जा रहे हैं।वर्सन
गौशाला में मवेशियों को पर्याप्त व पोष्टि भोजन नहीं मिल रहा है। करीब 10 मवेशियों के हिसाब का भोजन 30 से 35 मवेशियों को दिया जाता है। ऐसे में मवेशी कमजोर तो होंगे ही। मै भी यहां सेवा करने पहुंचता हॅू।
शुभम डेहरे, गौरक्षक लालबर्रा
देवेन्द्र कावरे, कर्मचारी
डॉ कुसुम कुसरे, पशु चिकित्सक लालबर्रा
तेजवंती उइके, समूह अध्यक्ष