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पाथरी जलाशय की नहरों की सीमेंटीकरण किए जाने की मांग

करीब १४सौ एकड़ रकबे में होती है नहर से सिंचाई

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पाथरी जलाशय की नहरों की सीमेंटीकरण किए जाने की मांग

पाथरी जलाशय की नहरों की सीमेंटीकरण किए जाने की मांग

बालाघाट. ग्राम पंचायत नेवरगांव के अंतर्गत आने वाले पाथरी जलाशय की नहरों की सीमेंटीकरण किए जाने की मांग ग्रामीणों ने की है। ग्रामीणों का कहना है कि पाथरी जलाशय की नहरों से करीब 1400 एकड़ रकबे की सिंचाई होती है। इस जलाशय से नेवरगांव , मुरझड़ फार्म, सोनबाटोला, कोसरीटोला और पाथरी ग्राम पंचायत के किसान लाभ लेते हैं। इस जलाशय के अंतर्गत आने वाली खस्ताहाल नहर की समस्त संरचनाओं का सीमेंटीकरण करवाए जाने जल उपभोक्ता संथा निलजी ने मध्यप्रदेश शासन के खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल को मांग पत्र सौंपा।
जानकारी के अनुसार 100 वर्ष पुरानी नहर जहां-तहां से टूट-फूट चुकी है। नहर में बड़ी-बड़ी झाडिय़ां, घास उग आई है, जिसके कारण कहां नहर है, दिखाई नहीं देती है। नहर में पानी छोड़े जाने के बाद उसका बहाव तेज नहीं हो पाता है। नहर कहीं भी, कभी भी टूट जाती है। जिसके कारण पाथरी जलाशय से छोड़ा गया पानी टेल क्षेत्र मुरझड़ फार्म, सोनबाटोला कोसरी टोला के किसानों के खेत पर नहीं पहुंच पाता है। जिससे उन्हें सूखे का सामना करना पड़ता है। इस कारण यहां के किसान पाथरी जलाशय से अपना एग्रीमेंट कटवाने का मन बना रहे हैं, अनेक किसान एग्रीमेंट कटवा भी चुके हैं। नहर में जहां बने वहां हो चुके हैं। नहर में पानी छोड़ा भी जाता है तो के कारण यह पानी गंतव्य तक ना पहुंच कर से बह जाता है। पूरे दबाव से पानी टेल क्षेत्र नहीं पहुंचता है। अगर सीमेंटीकरण कर दिया जाए तो नहर से पानी सीधा जहां पहुंचाना है, उस क्षेत्र में पहुंच जाएगा।
जल उपभोक्ता संथा निलजी के अध्यक्ष भाऊराम गाणेश्वर, सदस्य प्रदीप बोपचे, ओमकार बोपचे, मदनलाल भगत सहित अन्य ने किसानों के हित में पाथरी जलाशय की नहर का सीमेंटीकरण करने की मांग की है।


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