उकवा मॉयल में सुबह की शिफ्ट में काम करने गए एक मजदूर (पंपकर्मी) की काम के दौरान मौत हो गई। मजदूर की मौत के बाद परिजनों और ग्रामीणों का आक्रोश भडक़ उठा। जिन्होंने मॉयल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए और विभिन्न मांगों को लेकर गेट के सामने ही शव रखकर करीब दो घंटे तक प्रदर्शन किया। पूरे घटनाक्रम के दौरान मौके पर तनाव की स्थिति रही। मॉयल अधिकारियों और ठेकेदार ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को समझाईश दी। वहीं करीब 30 लाख रुपए मुआवजा दिए जाने की बात तय की गई। तब जाकर परिजन माने और प्रदर्शन को समाप्त किया।
घटना गुरूवार की सुबह की है। मृतक का नाम रूपझर थाना क्षेत्र की ग्राम पंचायत लगमा छिंदीटोला निवासी विनय (30) पिता संजय खंडेश्वर बताया गया है। युवक के शव का जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम कराकर अंतिम संस्कार के लिए परिजनों के सुपुर्द किया गया है। मामले की जांच के लिए डायरी रूपझर थाना पहुंचाई गई है। उधर माइंस में काम के दौरान मजदूर की मौत होने पर अन्य मजदूरों सहित मजदूर संगठन पदाधिकारियों ने उकवा माइंस के मेकेनिकल एचडीओ पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए मामले के मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा व परिजन को मॉयल में काम दिए जाने सहित मामले कि जांच कर दोषियों पर वैधानिक कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
जानकारी के अनुसार विनय खांडेकर उकवा माइंस में ठेका श्रमिक के तौर पर पंप आपरेटर का कार्य करता था। प्रतिदिन की तरह गुरुवार की सुबह भी विनय सुबह 7 बजे की पहली शिफ्ट में काम करने उकवा माइंस गया था। मैकेनिकल एचओडी ने वाटर पंप को चालू करने के लिए भेजा था। अन्य मजदूरों के अनुसार वाटर पंप का काफी लोड होता है, जिसे चालू करना एक व्यक्ति के बस का कार्य नहीं है। यह काम एक प्रशिक्षित व्यक्ति ही कर सकता है। बावजूद इसके भी एचओडी के आदेश पर अप्रशिक्षित मजदूर विनय को वाटर पंप शुरू करने के लिए भेज दिया गया था। पंप चालू करने के दौरान उसका पैर उसी चक्की के बेल्ट में फंस गया और वह उसी में लिपट गया और उसकी मौत हो गई।
बताया गया कि विनय का काम केवल पंप की बटन को ऑन ऑफ करने का था, लेकिन उसे पंप शुरू करने भेजा गया था। इस दौरान वह पंप के बेल्ट और पंखे की चपेट में आ गया। उसकी घटना स्थल पर ही मौत हो गई। मामले की जानकारी मिलते ही कुछ देर के लिए अफरा तफरी मच गई। आनन फानन में चक्की को बंद कर चक्की में फंसे मजदूर को बाहर निकाला गया। लेकिन वह नहीं बच सका। जिला अस्पताल लाने पर चिकित्सकों ने उसे मृत्यु घोषित कर दिया। शव लेने के बाद परिजन मॉयल गेट के समक्ष पहुंचे थे और प्रदर्शन किया था।
मॉयल लिमिटेड से दी गई जानकारी के अनुसार उकवा खदान में कार्य मेसर्स दीपक चौहान ठेकेदार द्वारा संचालित किया जा रहा था। संपूर्ण घटना की जांच डीजीएमएस द्वारा की जाएगी। ठेकेदार चौहान ने तत्काल सहायता के रूप में परिवार को ढाई लाख रुपए प्रदान किए हैं। मृतक की पत्नी मीना खंडेश्वर को दिए गए पत्र अनुसार मृतक को मुआवजा राशि 2176511, भविष्य निधि राशि 35000 रुपए, भविष्य निधि बीमा 750000 रुपए, विधवा पेंशन 2400 रुपए प्रतिमाह, बच्चों को पेंशन 900 रुपए प्रतिमाह दो बच्चों के 25 साल होने तक दिए जाएंगे। कुल राशि करीब 2961511 रुपए अनुमानित देय होगी। इसके अलावा ठेकेदार द्वारा मीना खंडेश्वर को ठेका श्रमिक का कार्य दिया जाएगा। दो बच्चों को सातंवी तक मॉयल डीएवी स्कूल उकवा में नि:शुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी।
इनका कहना है।
भाई की मौत की जानकारी हमें नहीं दी गई। उसे अस्पताल ले जाया गया। हमें बाहर भेजकर एक स्ट्रेचर में उसको लाकर मॉयल एम्बुलेंस से हमें जिला अस्पताल लेकर आए। एम्बुलेंस में सिलेंडर था, लेकिन उसमें ऑक्सीजन नहीं थी। दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
विशाल खंडेश्वर, मृतक का भाई
घटना के लिए मॉयल मैनेजर और मैकेनिकल एचओडी की लापरवाही से हादसे में ठेका श्रमिक की मौत हुई है। उनकी जिम्मेदारी थी कि नियमित कर्मचारियों को भेजकर वहां पंप शुरू करवाने के दौरान खड़े रहना था। हमारी मांग है कि दोषियों पर उचित कार्रवाई हो। ताकि ठेका श्रमिक की ऐसी निर्मम मौत ना हो।
रवि शिववंशी, महामंत्री खदान ठेका श्रमिक
मॉयल प्रबंधन द्वारा अपने अनुभवी अधिकारी के माध्यम से इस पूरी घटना की सूक्ष्मता के साथ जांच करवाई जाने का आश्वासन दिया गया है। ताकि पुन: इस तरह की घटना की पुनर्रावृत्ति न हो। मृतक के परिजनों को नियमानुसार मुआजवा प्रदान किया जा रहा है।
समीर बेनर्जी, कार्मिक अधिकारी उकवा खान
Published on:
19 Jun 2025 08:24 pm