17 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

छोटा परिवार, सुखी परिवार के महत्व को नहीं समझा पा रहा स्वास्थ्य महकमा

विश्व जनसंख्या दिवस पर विशेष-हर वर्ष तेजी बढ़ रही जिले की जनसंख्यापरिवार नियोजन स्कीम भी नहीं लगा पा रही लगामपिछली जनगणना के एवज में 13.60 प्रतिशत की हुई वृद्धि

2 min read
Google source verification
छोटा परिवार, सुखी परिवार के महत्व को नहीं समझा पा रहा स्वास्थ्य महकमा

छोटा परिवार, सुखी परिवार के महत्व को नहीं समझा पा रहा स्वास्थ्य महकमा

बालाघाट. बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण एवं जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणामों के प्रति जागरूकता लाने काफी प्रयास किए जा रहे हैं। इस वर्ष भी जिले में विश्व जनसंख्या दिवस जनसंख्या स्थिरता माह के रूप में 11 जुलाई से 11 अगस्त तक मनाया जाएगा। विवाहित दम्पत्तियों को परिवार दो बच्चों तक सीमित रखने एवं परिवार नियोजना के स्थायी साधन अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। लेकिन जिस गति से जनसंख्या में वृद्धि हो रही है, इससे शासन प्रशासन के ये प्रयास नाकाफी नजर आते हैं।
जानकारी के अ नुसार जिले में 2001 में की गई जनगणना के आंकड़े देखे तो जनसंख्या 1497968 थी। वहीं 2011 में यह बढकऱ 1701698 हो गई है। जनसंख्या वृद्धि में 13.60 प्रतिशत की ग्रोथ होना बताया जा रहा है। शासन प्रशासन के तमाम प्रयासों के बावजूद लोगों में जागरूकता की कमी देखी रही है। परिवार सीमिति रखने कई तरह के प्रलोभन और योजनाएं होने के बावजूद लोग सीमित परिवार नहीं रखना चाह रहे हैं। जिले में होने वाले महिला, पुरुष नसबंदी शिविरों में इस तरह के हालात देखे जा रहे हैं। नसबंदी कराने पर प्रोत्साहन राशि दिए जाने के बावजूद बड़ी संख्या में लोग इसे नहीं अपना रहे हैं।
आधा लक्ष्य भी नहीं हो पाया पूरा
जिले में परिवार नियोजन को लेकर आयोजित किए जाने वाले नसंबदी ऑपरेशन के आंकड़ों पर नजर दौड़ाए तो सामने आता है कि लक्ष्य अनुसार नसंबदी ऑपरेशन का आंकड़ा नहीं हो पा रहा है। जिले को प्राप्त 9620 लोगों की नसबंदी के विरूद्ध महज 1574 महिला और 127 पुरुष कुल 1701 ने ही ऑपरेशन करवाए हैं। इनमें कुछ प्रतिशत ऑपरेशन फेल होने की बात सामने आती हैं। इस हिसाब से स्वास्थ्य विभाग लक्ष्य के मुताबिक आधे ऑपरेशन भी नहीं करवा पाया है।
प्रोत्साहन राशि का प्रलोभन
सीएमएचओ डॉ मनोज पांडेय के अनुसार नसबंदी कराने वाले महिला, पुरुषों को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। दूरबीन पद्धति (एलटीटी) से आपरेशन कराने वाली महिला को 2000 रुपए, उसकी प्रेरक को 300 रुपए की राशि दी जाती है। प्रसव के उपरांत (सीटीटी) से नसबंदी कराने वाली महिला को 03 हजार एवं प्रेरक को 400 रुपए प्रदान किए जाते हैं। इसी प्रकार पुरुष को 3000 रुपए एवं प्रेरक को 400 रुपए की राशि दी जाती है। इसके अलावा इन्ट्रां इंजेक्शन लगवाने पर प्रति डोज हितग्राही व आशा कार्यकत्र्ता को 100 रुपए की राशि दी जाती है।
कड़े प्रावधानों की जरूरत
बिना जागरूकता के जनसंख्या में अंकुश लगाने में शासन प्रशासन भी स्वयं को असहाय मानता है। जानकरों की माने तो जनसंख्या वृद्धि को लेकर सख्ती करने और कड़े प्रावधान निहित किए जाने की बात कहते हैं। ताकि जनसंख्या वृद्धि में अंकुश लग सकें।
वर्सन
जनसंख्या स्थिरता माह के तहत 11 जुलाई से 11 अगस्त तक सेवा प्रदान की जाएगी। विवाहित दंपतियों को अपना परिवार दो बच्चों तक सीमित रखने एवं परिवार योजन के स्थाई साधन अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। नसबंदी शिविरों का आयोजन भी होगा। जनसंख्या वृद्धि देश के विकास में बाधक होती है। इसे लोगों को भी समझना होगा।
डॉ मनोज पांडेय, सीएमएचओ

नोट- जनगणमना से प्राप्त आंकड़ो क अनुसार-
2011 2001
जनसंख्या 1701698 1497968
पुरुष 842178 740749
महिला 859520 757219
जनसंख्या वृद्धि 13.60 प्रति 9.70: प्रति

फैक्ट फाइल-
:- परिवार नियोजन के तहत नसंबदी आंकड़ें।
ब्लॉक लक्ष्य पुरुष महिला कुल
किरनापुर 997 13 222 235
लामता 1014 16 149 165
परसवाड़ा 705 01 045 046
बैहर 717 00 047 047
बिरसा 926 02 113 115
लांजी 1006 08 250 258
कटंगी 983 02 142 144
लालबर्रा 967 40 154 194
खैरलांजी 843 05 142 147
रामपायली 850 34 094 128
वारासिवनी श 158 02 018 039
बालाघाट श 454 04 185 189
कुल योग- 9620 127 1574 1701
नोट- स्वास्थ्य विभाग से 01 अप्रेल से 30 जून तक प्राप्त स्थित आंकड़ों में।


बड़ी खबरें

View All

बालाघाट

मध्य प्रदेश न्यूज़

ट्रेंडिंग