27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

यहां मवेशियों के कोठे जैसे आवास में गुजर बसर कर रहे वनकर्मी, देखे हालात

सिपेज मरती है कमरों की जर्जर दीवारें, जांच नाका भी जर्जर लांजी-सालेटेकरी मार्ग पर स्थित बकरामुंडी जांच नाके का मामला

2 min read
Google source verification
सिपेज मरती है कमरों की जर्जर दीवारें, जांच नाका भी जर्जर

सिपेज मरती है कमरों की जर्जर दीवारें, जांच नाका भी जर्जर

जिले के लांजी नगर के सालेटेकरी मार्ग पर स्थित बकरामुंडी जांच नाके की हालत जर्जर हो गई है। इस जांच नाके के कमरों की दीवारों पर सीपेज हो रहा है और बची हुई कुटिया भी ढहने की कगार पर है। इस जांच नाके पर तैनात वनपाल और वनरक्षकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वाहनों की चैकिंग के दौरान उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद वनविभाग के अधिकारियों ने अब तक कोई सुध नहीं ली है।

वन कर्मियों ने बताया कि उन्होंने कई बार इस जांच नाके की जर्जर हालत के बारे में अधिकारियों को बताया। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि यदि जल्द ही इस जांच नाके की मरम्मत नहीं की गई तो यह कभी भी ढह सकता है। वनकर्मियों को भारी नुकसान और जान माल का खतरा हो सकता है। गणमान्यों का भी कहना है कि इस मामले में वनविभाग के अधिकारियों की लापरवाही स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। विभाग को जल्द ही इस जांच नाके की मरम्मत करनी चाहिए और वनकर्मियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।

कभी भी घट सकती है दुर्घटना

बकरामुंडी जांच नाके के कमरे की हालत भी अत्यंत दयनीय हो चुकी है। सामने की छप्पर को छोडकऱ पूरा शासकीय भवन जमींदोज हो चुका है। लेकिन ऐसी स्थिति में भी वनविभाग के कर्मचारी यहां कार्यरत हैं। कभी भारी बारिश होने पर भवन कभी भी ढह सकता है और गंभीर हादसा होने से इंकार नहीं किया जा सकता। बावजूद इसके अधिकारियों द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

रेंजर को नहीं कोई सरोकार

बताया गया कि बकरामुंडी मार्ग पर स्थित जांच नाका परिक्षेत्र अधिकारी लांजी पूर्व के अंतर्गत आता है। वनकर्मियों के साथ बारिश के मौसम में काफी दिक्कतें बनी हुई हैं। कर्मचारियों द्वारा बताया गया की इस संबंध में कई मर्तबा उनके द्वारा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को कार्यालय भवन की मरम्मत कराने के संबंध में आग्रह किया गया। लेकिन उनके द्वारा जिला मुख्यालय में पत्र लिखकर मरम्मत या निर्माण की स्वीकृति का इंतजार किया जा रहा है।