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मासूम बच्चों के सिर पर जर्जर छत

कटंगी शहर के 11 आंगनबाड़ी केन्द्रों में से सात भवन विहीन। ऐसे में अधिकांश केन्द्र किराए के कच्चे व जर्जर मकानों में संचालित हो रहे हैं।

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Rajendra Sharma

Jan 18, 2016


बालाघाट/कटंगी
. आईसीडीएस के तहत बच्चों एवं महिलाओं को शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने के मामले में कटंगी शहर में बड़े बुरे हाल है।

जानकारी के अनुसार शहर के अधिकांश आंगनबाड़ी केन्द्रों के पास निजी भवन नहीं है। इस कारण वे जर्जर भवनों या किराए के कमरों में संचालित हो रहे हैं। कुछ भवनों में दो केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। वहीं विभाग की मानें तो प्रतिमाह भवनविहीन आंगनबाड़ी केन्द्रों की जानकारी शासन को भेज दी जाती है, लेकिन विडम्बना यह है कि अब तक सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को भवन नहीं मिले हैं।

इनके पास पक्के भवन

कटंगी शहर के 15 वार्डों में 11 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हैं। जिनमें से अर्जुननाला, परसाड़ी टोला, कृष्ण मंदिर के पास एवं छतेरा आंगनबाड़ी केन्द्र के पास ही पक्के भवन है, शेष सभी आंगनबाड़ी या तो किराए के कमरों में संचालित हो रही है या जर्जर भवनों में, जहां नौनिहालों के साथ माताओं एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका की जान पर खतरा मंडाराते रहता है।

बाल्यावस्था शिक्षा का प्रमुख केन्द्र

उल्लेखनीय है कि आंगनबाड़ी केन्द्र बाल्यावस्था शिक्षा का प्रमुख केन्द्र हैं। इनमें बच्चों को बाल्यावस्था से ही शिक्षा दी जाती है ताकि बच्चों को ध्यान प्राथमिक शिक्षा की ओर लगा रहे। इसके अलावा इन केन्द्रों में नौनिहालों एवं महिलाओं को पूरक पोषाहार, शिक्षा एवं स्वास्थ्य विषयक सेवाएं समेकित रूप से दी जाती है। यहां महिलाओं एवं बच्चों को घर जैसा वातावरण दिया जाता है।

प्रतिमाह महज 200 रुपए किराया

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में जिन केन्द्रों के पास निजी भवन नहीं है, उन आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन 200 रुपए मासिक किराए पर होता है। हालांकि इतनी कम राशि में छोटे से कमरे मिलते हैं, जहां आंगनबाड़ी के संचालन में काफी परेशानी होती है, सबसे ज्यादा परेशानी का सामना अंागनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ही उठाना पड़ता है।

नहीं दे रहे ध्यान

समाज के प्रबुद्धजनों का मानना है कि समस्त क्षेत्र में आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण केवल तभी संभव है, जब क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और विभाग के अधिकारी इस पर पूरी इमानदारी से कार्य करें। जैसा कि विभागीय जानकारी यह स्पष्ठ करती है कि आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

बैठक में कुपोषण का जिक्र

क्षेत्र में बदहाल आंगनबाड़ी केन्द्रों और कुपोषण की की समस्या अरसे से बनी हुई है। कई बार शिकायती व मांग-पत्र अधिकारियों को सौंपे जा चुके हैं, लेकिन साकारात्मक परिणाम सामने नहीं आ रहे हैं। हाल ही में हुई जिला पंचायत की स्वास्थ्य और महिला बाल कल्याण समिति की बैठक में समिति के सभापति अरुणा गजभिए ने ही व कटंगी में कुपोषित बच्चों की संख्या कम नहीं होने का मुद्दा उठाया था। बैठक में उन्होंने आशा कार्यकताओं की भर्ती के लिए निर्धारित योग्यता व प्रक्रिया के सम्बंध में भी जानकारी ली। बैठक में आंगनबाड़ी भवनों की उपलब्धता पर चर्चा की गई। समिति झाम सिंह नागेश्वर ने मॉडल आंगनबाड़ी भवनों का मुद्दा उठाया था।

इनका कहना है

शासन को लगातार भवनविहीन आंगनबाड़ी केन्द्रों की जानकारी भेज दी जाती है। भवनों के निर्माण का मामला उच्च स्तरीय है।

पुष्पेन्द्र रानाड़े, परियोजना अधिकारी, कटंगी

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