
ग्रामीणों को दी कम मजदूरी, फर्जी उपस्थिति दर्शाकर किया राशि का आहरण
बालाघाट. जनपद पंचायत खैरलांजी के अंतर्गत ग्राम पंचायत बिटोड़ी के ग्रामीणों को कम मजदूरी का भुगतान किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। ग्रामीणों ने इस मामले की शिकायत जनपद पंचायत खैरलांजी सीईओ को कर मामले की जांच किए जाने की मांग की है।
ग्रामीणों के अनुसार ग्राम बिटोड़ी के चांदमारी तालाब में उनके द्वारा कार्य किया गया है। लेकिन सभी श्रमिकों की मजदूरी में कटौती कर प्रति मजदूर 140 रुपए,160 रुपए,150 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया गया है। वहीं ऐसे मजदूर जिन्होंने निर्माण स्थल पर कार्य बिल्कुल भी नहीं किया है। उनके खाते में 194 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी का भुगतान किया गया है। जबकि उन्होंने मेट द्वारा निर्धारित की गई मात्रा में ही मिट्टी खोदी है। शिकायत कर्ताओं की मांग है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कर ग्राम रोजगार सहायक और सरपंच पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए। इस संबंध में ग्रामीणों ने सोमवार को सीईओ को शिकायत कर जांच करने की मांग की है। इस दौरान चंद्रकिरण पिता रेखलाल, ज्ञानचंद उपवंशी, गणेश बहेटवार, अशोक, देवचंद पिता कंडीलाल सहित अन्य ग्रामीण उपस्थित थे। वहीं लगभग 3 दर्जन ग्रामीणों द्वारा शिकायत पत्र पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस संबंध में जब रोजगार सहायक और सरपंच से संपर्क करना चाहा तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
पंच के नाम भी फर्जी उपस्थिति
कुशल श्रमिक कृष्ण कुमार ने १२ मार्च २०२२ को बनाए गए पंचनामा में इस बात को स्वीकार किया है कि सरपंच और रोजगार सहायक धनराज दमाहे के कहने पर उन्होंने कुछ फर्जी नाम मस्टर रोल में दर्ज किया है जिसमें कुछ ग्राम पंचायत के पंच भी है। जिन लोगों ने कार्य नही किया और उसके बाद भी उनके नाम से मजदूरी का भुगतान मस्टर रोल क्रमांक 22492 जो १ से ७ मार्च में कुल सात लोगों के नाम शामिल है। इसी तरह मस्टर रोल क्रमांक 28499 में १ से ७ मार्च में पांच लोगों के नाम शामिल है। उपरोक्त फर्जी नामों में से किसी भी मजदूरों का नाम मेट द्वारा भरे गए हाजिरी रजिस्टर में दर्ज नहीं है। सभी मेट भी इस बात को लिखित रूप में स्वीकार कर रहे है कि रोजगार सहायक और सरपंच की मिलीभगत से यह सारे फर्जी नाम भरे गए है। हालांकि 12 मार्च को बनाए गए पंचनामा में उपयंत्री ने इस बात का उल्लेख किया है कि मजदूरों द्वारा खंती में कम खुदाई की गई है। इसलिए मजदूरी में कटौती की गई है। वहीं संबंधित शिकायत कर्ताओं का आरोप है कि उनकी मेहनत की कमाई को फर्जी नाम से भुगतान कर भरपाई कर रहे है। सभी ने ऐसे जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की है।
Published on:
16 Mar 2022 09:34 pm
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