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बालाघाट। नक्सली आरामगाह के नाम से प्रसिद्ध बालाघाट में एक बार फिर नक्सलियों की सक्रियता बढ़ती दिख रही है। नक्सलियों के बढ़ते मुवमेंट के बीच लांजी अनुभाग के बहेला थाना अंतर्गत लांजी-भिलाई मार्ग पर क़ान्द्री घाट के जंगल में वन विभाग के बनाए गए वॉच टावर के पास से नक्सलियों के बैनर पोस्टर बांधे मिले हैं।
दरअसल जिले के अति नक्सल प्रभावित लांजी क्षेत्र के बहेला थाना अंतर्गत कांद्रीघाट के जंगल में शुक्रवार सुबह नक्सलियों के बैनर मिले हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नक्सलियों ने जंगल से होकर गुजरने वाली भिलाई रोड के किनारे वन विभाग द्वारा बनाए गए वॉच टावर के पास पेड़ पर रस्सी की मदद से लाल रंग के दो बैनर टांगे हैं, जिसमें केंद्र और प्रदेश सरकार के विरोध में नारे लिखे हैं।
ये लिखा है इन बैनर्स में
इन बैनरों के माध्यम से नक्सली ग्रुप टांडा और दडेकसा दलम ने सरकार का विरोध करने के साथ युवाओं को पुलिस के लिए मुखबिरी न करने और जंगल बचाने की बात लिखी है। घटना के बाद से बालाघाट पुलिस अलर्ट मोड में आ गई है, जिसके तहत जवानों को अलर्ट रहने के लिए कह दिया गया है, साथ ही जंगलों में सर्चिंग भी बढ़ा दी गई है।
आपको बताते चलें कि यह बैनर पोस्टर नक्सलियों ने केंद्र और प्रदेश सरकार के विरोध में लगाए हैं। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, बैनर मिलने की खबर लगते ही पुलिस और हॉक फोर्स की टीम मौकास्थल के लिए रवाना हो गई है। बताया जाता है कि जिस स्थान पर बैनर टांगे हैं, वहां नक्सलियों ने पर्चे भी फेंके हैं, लेकिन पुलिस की ओर से नक्सली पर्चे मिलने की पुष्टि नहीं हुई है।
ज्ञात हो कि इसी नक्सलियों की आरामगाह यानि बालाघाट क्षेत्र में पिछले दिनों हॉक फ़ोर्स की नक्सलियों से मुठभेड़ में 12 लाख का इनामी एक नक्सली मारा गया था। वहीं पुलिस व हॉक फोर्स के मिलकर किए जा रहे अभियानों से माना जा रहा था कि ग्रामीणों में नक्सलीयों की पैठ कम होते जा रही है।
वहीं अपनी खोई जमीन तलाशने के लिए नक्सली फिर से जंगलों में सक्रिय होते जा रहे हैं। जिले के जंगलों में अलग-अलग दलम के करीब एक सैकड़ा नक्सली सक्रिय बताए जा रहे थे, वहीं अब इनकी संख्या में इजाफे की संभावना है। जो सीमावर्ती क्षेत्रों में अपनी सक्रियता बनाए हुए हैं।
पूर्व में भी माना जा रहा था कि जिले में नक्सलियों ने दक्षिण बैहर, लांजी, किरनापुर क्षेत्र को अपनी शरण स्थली बनाया गया। ये क्षेत्र छग और महाराष्ट्र राज्य की सीमा से लगे हुए हैं। दोनों ही राज्यों में घटना को अंजाम देने के बाद नक्सली जिले में जंगलों के रास्ते पनाह ले लेते हैं।
वहीं नक्सलियों की सक्रियता को देखते हुए पुलिस ने भी अपना मुखबिर तंत्र मजबूत किया, जिसके चलते अब नक्सली लोगों को भड़काने के लिए पोस्टर्स व बैनर्स का सहारा लेते दिख रहे हैं। माना जाता है कि जंगलों में इन दिनों प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्यूनिष्ट पार्टी के विस्तार दलम 2, विस्तार दलम 3, खटिया मोचा दलम एरिया कमेटी, कान्हा भोरमदेव कमेटी, मलाजखंड दलम, टांडा दलम, दर्रेकसा दलम के नक्सली मूवमेंट कर रहे हैं।
मुख्य रूप से यहां सक्रिय हैं नक्सली
बालाघाट जिले के दक्षिण बैहर क्षेत्र के पाथरी चौकी के अंतर्गत कोरका, बोंदारी, पाथरी, माड़ी, जगला, कासाटोला, बिठली चौकी अंतर्गत हर्रानाला, दुगलइ, आमानाला, जानियाटोला, बिठली, सोनगुड्डा चौकी अंतर्गत सोनगुड्डा, कोद्दापार, कुर्रेझोड़ी, राशिमेटा, दुल्हापुर, मुरूम, पित्तकोना चौकी अंतर्गत कोसमबहेरा, बिलालकसा, जैतपुरी, छुहीडोडा, झकोरदा, चिलौरा, चितालखोली, देवरीबेली चौकी अंतर्गत नरपी, चिरकोना, सायरए टेमनी, संदूका सहित अन्य गांवों के जंगलों में नक्सलियों की सक्रियता बनी हुई है। इसी तरह गढ़ी थाना क्षेत्र में भी नक्सलियों का मूवमेंट हो रहा है।
Published on:
17 Mar 2023 02:06 pm
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