निर्माण कार्यों का भौतिक सत्यापन किए बगैर कर दिया गया भुगतान
पत्रिका लगातारउपयंत्री, मनरेगा अधिकारी की भूमिका भी संदेह के घेरे मेंपंचायत पदाधिकारियों ने किया है 25 लाख रुपए से अधिक का गोलमालग्राम पंचायत कैंडाटोला का मामला


बालाघाट. जनपद पंचायत बिरसा के ग्राम पंचायत कैंडाटोला में आर्थिक अनियमितता के मामले में अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है। दरअसल, उपयंत्री ने निर्माण कार्यों का भौतिक सत्यापन किया नहीं। कार्यों के भौतिक सत्यापन के बगैर ही निर्माण कार्यों की राशि का भुगतान कर दिया गया है। ग्रामीणों की शिकायत के बाद जांच के आदेश होने पर भी मामले की जांच नहीं की जा रही है। इस तरह से अधिकारियों की कार्यप्रणाली भी संदेह के दायरे में आ रही है।
जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत कैंडाटोला सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक ने निर्माण कार्यों के नाम पर आर्थिक अनियमितता की है। पंचायत पदाधिकारियों ने कुछ स्थानों पर कार्य कराया ही नहीं और कुछेक स्थानों पर कार्य अधूरा है। लेकिन इन निर्माण कार्यों के नाम पर राशि का आहरण कर लिया। विडम्बना यह है कि निर्माण कार्यों का उपयंत्री के माध्यम से सत्यापन कराया जाता है। इसके बाद राशि के आहरण के लिए बिल तैयार किया जाता है। जिसे जनपद पंचायत भेजा जाता है। जहां पर बिलों में शामिल दस्तावेजों की जांच होने के बाद राशि के भुगतान के लिए आदेश किया जाता है। लेकिन ग्राम पंचायत कैंडाटोला में ऐसा नहीं हो पाया है। यहां पर निर्माण कार्यों के नाम पर गोलमाल किया गया था।
उल्लेखनीय है कि निर्माण कार्यों के नाम पर करीब 25 लाख रुपए का घोटाला किया गया है। ग्रापं के उपसरपंच, पंचों और ग्रामीणों ने इस मामले की मय सबूतों के साथ शिकायत की थी। शिकायत पहले जनपद स्तर पर की थी। मामले की जांच नहीं हो पाई। ग्रामीणों ने फरवरी माह में बैहर एसडीएम को लिखित शिकायत की। बैहर एसडीएम ने मामले को संज्ञान में लेते हुए 27 फरवरी 2023 को जपं बिरसा सीईओ को मामले की जांच करने के लिए आदेशित किया था। जांच रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर सौंपने के निर्देश दिए थे। लेकिन जपं सीईओ ने उस समय इस मामले की जांच नहीं कराई। इसके बाद जपं सीईओ ने 11 सितंबर को आर्थिक अनियमितता मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम का गठन किया। टीम के गठन को 27 दिन से अधिक समय बीत जाने के बाद भी मामले की जांच नहीं हो पाई है। जपं सीईओ ने भी जांच टीम को 15 दिनों के भीतर जांच कर रिपोर्ट सौंपने कहा था। इस तरह से मामले की लीपापोती की जा रही है।
इन कार्यों में हुआ है गोलमाल
उपसरपंच मंजीत सैय्याम के अनुसार सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक ने निर्माण कार्यों के नाम पर फर्जी उपस्थिति दर्शाकर राशि का आहरण किया है। जिसमें माखन पिता चैन सिंह के लघु तालाब कार्य के नाम पर मस्टररोल पर 90 फर्जी उपस्थिति, उपका पिता गुहरी के लघु तालाब में 90 दिन की फर्जी उपस्थिति, सुखराजी पिता अंतुलाल के लघु तालाब में मस्टरोल पर 67 फर्जी उपस्थिति, सुनौ पिता भूखौ के लघु तालाब में 99 दिन की मस्टरोल में फर्जी उपस्थिति दर्शा कर राशि का आहरण कर लिया गया। इन तीनों ही स्थानों पर कार्य शून्य है। इसी तरह सुकल पिता महासिंह के लघु तालाब पिचिंग का कार्य नहीं किया गया है। जबकि राशि का आहरण कर लिया गया। भगनीबाई पति तुलसी राम और कवल सिंह पिता मंगलू सिंह के लघु तालाब के पिचिंग कार्य जीरो पर है। राशि के आहरण के लिए बिल लगाया गया है। लेकिन भुगतान शेष है। इसी तरह चैनी बाई पति महासिंह, सुन्दर सिंह पिता उजियार, भूरीबाई पति साहब सिंह, महराजी पिता जीवन के लघु तालाब निर्माण कार्य में पिचिंग शेष है। इन कार्यों के लिए प्रस्ताव नहीं लिया गया। लेकिन राशि के आहरण के लिए बिल लगाया गया है। बिल का भुगतान शेष है।
इनका कहना है
अनेक स्थानों पर निर्माण कार्य किया ही नहीं गया है। कुछेक स्थानों पर कार्य अधूरा है। लेकिन राशि का आहरण कर लिया गया है। इस मामले की मय दस्तावेजों की शिकायत की गई है। लेकिन आज तक मामले की जांच नहीं हो पाई है। इस मामले में अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के दायरे में है।
-मंजीत सैय्याम, उपसरपंच, ग्राम पंचायत कैंडाटोला
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