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प्रदेश से लाल आतंक का सफाया, मुख्यमंत्री बोले स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा आज का दिन

बालाघाट के आखिरी नक्सली ने साथी के साथ किया सरेंडर

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बालाघाट के आखिरी नक्सली ने साथी के साथ किया सरेंडर

बालाघाट के आखिरी नक्सली ने साथी के साथ किया सरेंडर

बालाघाट. बालाघाट में सक्रिय 29 लाख के ईनामी नक्सली दीपक ने गुरुवार को बीजापुर निवासी रोहित के साथ सीआरपीएफ कैंप कोरका में पहुंचकर आत्मसमर्पण कर दिया। इसी के साथ ही प्रदेश से लाल आंतक का पूरी तरह सफाया हो गया। दो नक्सलियों की गिरफ्तारी के बाद शाम को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अफसरों के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग की। मुख्यमंत्री ने कहा कि मप्र से नक्सलवाद पूरी तरह खत्म हो गया है। आज का यह दिन स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। प्रधानमंत्री व गृहमंत्री की मंशा अनुसार नक्सलवाद उन्नमूलन का चलाया जा रहा अभियान सफल रहा।

वीडियो कांफ्रेस में बालाघाट सहित मंडला व डिंडोरी जिले के सीआरपीएफ, कोबरा, हॉकफोर्स व पुलिस के अधिकारी एवं कलेक्टर जुड़े थे। उन्होंने कहा कि बालाघाट में सक्रिय नक्सली दीपक उइके ने अपने साथी रोहित के साथ आत्मसमर्पण किया है। वह बालाघाट का अंतिम नक्सली था, जिसकी तलाश में हमारे बहादुर जवान लगातार सर्चिंग कर रहे थे। इसका नतीजा है कि नक्सलियों ने समर्पण किया है। उन्होंने बालाघाट आईजी सहित पूरी टीम को श्रेय दिया।

बालाघाट में था दीपक का मूवमेंट:

आईजी संजय सिंह के अनुसार दीपक बालाघाट का अंतिम नक्सली था, जिसका लगातार मूवमेंट बना हुआ था। नक्सली दीपक पर 29 लाख व रोहित पर 14 लाख रुपए का इनाम था। दीपक ने हथियार (कार्बाइन) व पिट्टू बैग सहित सरेंडर किया है। उसके बैग में खाने-पीने की सामग्री, अनाज व बिस्तर थे। पुलिस के जंगल में बढ़ते दबाव, ग्रामीणों से मदद नहीं मिलने और नक्सल नेताओं के लगातार हथियार छोडऩे पर दोनों ने सरेंडर किया है। मप्र सरकार की पुनर्वास से पुनर्जीवन योजना पर दोनों ने भरोसा जताते हुए अपना हथियार गुरुवार को सीआरपीएफ कैंप में सौंपे हैं।

हाल ही में दस नक्सलियों ने किया था सरेंडर

इससे पूर्व 7 दिसम्बर को बालाघाट में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के समक्ष 62 लाख रुपए के इनामी सुरेंद्र उर्फ कबीर सहित 2.36 करोड़ रुपए के इनामी 10 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था।