मामला पानी की समस्या से जूझ रहे सावंगी ग्राम पंचायत का
भीषण गर्मी में लगातार गिरते भूमिगत जल स्तर को बचाने कलेक्टर मृणाल मीणा ने 1 अप्रेल से 30 जून तक जिले में विशेष परिस्थितियों को छोड़ नलकूप खनन पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा रखा है। लेकिन कलेक्टर के आदेश को हवा में उड़ाते हुए एक व्यापारी को नलकूप खनन की अनुमति दे दी गई। मामला वारासिवनी जनपद क्षेत्र की ग्राम पंचायत से सामने आया है। बताया गया कि खनन अनुमति पर ग्राम पंचायत और पटवारी ने भी आपत्ति दर्ज करवाई। बावजूद इनकी आपत्तियों पर भी सुनवाई नहीं की गई। व्यापारी ने भी एक खनन की अनुमति पाकर तीन नलकूप खनन कर लिए गए हैं। पूरा मामला सामने आने के बाद ग्रामीणों में आक्रोश है। एसडीएम की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
वारासिवनी नगर के व्यवसायी श्रीराम रामचंदानी ने खसरा क्रमांक 232/3 रकबा 1.024 हेक्टेयर भूमि खरीदी है। उक्त भूमि पर वह मेरिज लॉन बनाने की जानकारी सामने आ रही है। पानी की आवश्यकता को देखते हुए व्यापारी ने नलकूप खनन का एक आवेदन एसडीएम कार्यालय वारासिवनी में लगाया। आवेदन में रबी की फसल की सिंचाई हेतु नहर नहीं होने और फसल सूखने के खतरे का हवाला देते हुए अनुमति मांगी गई थी।
बताया गया कि अनुमति के पूर्व ग्राम पंचायत सावंगी सचिव और पटवारी ने अपना अभिमत दिया था। जिन्होंने मौके पर कोई फसल नहीं लगी होने और कोई पेड़ पौधे भी नहीं होने का हवाला देकर आपत्ति दर्ज कराकर अनुमति नहीं देने की अनुशंसा की थी। बावजूद इसके एसडीएम राजीव रंजन पांडे ने व्यापारी श्रीराम रामचंदानी को नल कूप खनन की अनुमति प्रदान कर दी। व्यापारी ने भी एक कदम आगे बढ़ाते हुए एक अनुमति पर तीन खनन करवा लिए जाने की जानकारी सामने आई है। बतााय गया कि एक नलकूप फेल हो गया हैं। 2 नलकूपों में पानी निकला है।
व्यापारी के अनावश्यक रूप से खोदे गए नलकूप और पंचायत व पटवारी की आपत्ति के बावजूद एसडीएम के खनन की अनुमति देने से ग्राम वासी बेहद आक्रोश में है। उपसरपंच धनेन्द्र चौहान व ग्रामीण राजेन्द्र ठाकरे का कहना हैं कि ग्रामीण पानी की भीषण समस्या से जूझ रहे हैं। प्रशासन ग्रामीणों की समस्या का समाधान करने के स्थान पर व्यापारियों को सहयोग कर रहा है। व्यापारी ने भी एक अनुमति पर तीन नलकूप खनन कर लिए गए हैं। गांव में पेयजल को लेकर भी भीषण पेयजल संकट गहराएगा। पूरे मामले में एसडीएम की कार्यप्रणाल पर सवाल खड़ किए जा रहे हैं।
बता दें कि ग्राम पंचायत सावंगी के निवासी लम्बे समय से पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं। ग्रामीणों की माने तो पूरे ग्राम का पानी खारा है। वर्ष 2008 में स्वीकृत नल जल योजना से वर्ष 2012 में पानी टंकी का निर्माण कर ग्राम में पाइप लाइन का विस्तार किया गया था। इसके बाद पाइप लाइन को पानी टंकी से जोडऩे रेलवे क्रासिंग होने से रेलवे की अनुमति के बाद इसे जोड़ा गया। लेकिन वर्तमान समय तक योजना का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया हैं। ना ही नल जल योजना पंचायत के सुपुर्द की गई है। ग्रामीणों को लाभ भी नहीं मिल रहा है। 16 साल बीत जाने के बाद भी ग्रामवासी पेयजल की समस्या से लड़ रहे हैं।
वर्सन
हम स्वयं नल कूप खनन स्थल का निरीक्षण करेंगे और उसके बाद विधि सम्मत कार्रवाई करेंगे।
राजीव रंजन पांडे, एसडीएम
आपत्ति के बाद नल कूप खनन की अनुमति देने के मामले की जानकारी ली जाएगी। फिर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
मृणाल मीणा, कलेक्टर बालाघाट