
आशा कार्यकर्ताओं ने सीएमएचओ को सौंपा ज्ञापन
जिला अस्पताल बालाघाट में गर्भवती महिलाओं के परिजनों से कथित रूप से किए जा रहे पैसों के लेन-देन का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी मुद्दे को लेकर सोमवार को आशा ऊषा सहयोगिनी कार्यकर्ता संगठन के बैनर तले जिलेभर की आशा कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय पहुंचकर सीएमएचओ कार्यालय में ज्ञापन सौंपा। अस्पताल की व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े किए। आशाओं का आरोप है कि जिला अस्पताल में प्रसव के दौरान गर्भवती महिलाओं के परिजनों से पैसों की मांग की जाती है। आशा कार्यकर्ताओं को माध्यम बनाया जाता है, लेकिन जब भी इस तरह का मामला सामने आता है, तो कार्रवाई केवल आशा कार्यकर्ताओं पर ही की जाती है। चिकित्सकों की भूमिका की न तो निष्पक्ष जांच होती है और न ही उनके विरुद्ध कोई ठोस कार्रवाई की जाती है। आशा कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश है।
संगठन की जिला अध्यक्ष अनीता जामुनापाने ने हाल ही में वारासिवनी अंतर्गत आने वाले ग्राम सिंगोड़ी की आशा कार्यकर्ता प्रेमलता भगत को पैसे के लेन-देन के आरोप में सेवा से पृथक किए जाने पर नाराजगी जताई। उनका कहना है कि प्रेमलता भगत से चिकित्सकों द्वारा ही परिजनों से पैसे बुलवाए गए थे, लेकिन पूरी जिम्मेदारी आशा पर डालते हुए उसे पद से हटा दिया गया, जो पूरी तरह अन्याय पूर्ण है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसी कारण पूर्व में भी अस्पताल में गंभीर घटनाएं घट चुकी हैं। यदि व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो भविष्य में भी ऐसी घटनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता।
आशा कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि पैसों के लेन-देन के मामलों की निष्पक्ष और पूर्ण जांच कराई जाए। संबंधित चिकित्सकों की भूमिका भी स्पष्ट की जाए। सिंगोड़ी की आशा कार्यकर्ता को पुन: उसके पद पर बहाल किया जाए। आशा कार्यकर्ताओं ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही इस पूरे मामले में ठोस कार्रवाई नहीं की गई और उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं हुआ, तो जिले की सभी आशा कार्यकर्ता जिला अस्पताल के सामने धरना-प्रदर्शन करने को विवश होंगी।
Published on:
10 Dec 2025 04:25 pm
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