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ग्रामीण विकास के लिए प्रयोगधर्मी होने की आवश्यकता-मंत्री पटेल

समीक्षा बैठक-पंचायत एवं ग्रामीण विकास, श्रम विभाग के कार्यों की हुई समीक्षा

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बालाघाट. प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास व श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने शनिवार को कलेक्ट्रेट में विभागीय समीक्षा की। इस दौरान मंत्री पटेल ने अधिकारियों से कहा कि ग्रामीण विकास को नई ऊचाईयां देने के लिए अमले को प्रयोगधर्मी होना होगा। अद्र्धशहरी मॉडल को ग्रामीण क्षेत्रों में लागू करने का समय आ गया है। अच्छे कार्य प्रयोगधर्मी लेकर ग्रामीण विकास को नई दिशा दी जा सकती है। आजीविका मिशन के तहत जिन महिलाओं को आर्थिक गतिविधियों से जोड़ा गया है, यह भविष्य में सबसे अच्छा मॉडल साबित हो सकता है। पिछले वर्षों में प्रारंभ की गई ऐसी गतिविधियों के निरंतर आंकलन और अवलोकन की आवश्यकता है। संबंधित विभाग बेहतर करने के लिए इसकी चिंता करें।
मंत्री पटेल ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिले की कनेक्टिविटी और बारहमासी सडक़ों पर पुल विभागीय स्तर पर पूर्ण करें। इस तरह की समस्याएं मंत्रालय तक नहीं पहुंचनी चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना-1 के चरण में सडक़ों में बने रपटों के स्थान पर पुल निर्माण, वनग्राम होने से छुटे गांव के साथ-साथ अच्छे नवाचार व सडक़ों की स्थितियों के बारे में जानकारी ली। संबंधित विभाग ने बताया कि पीएम जन-मन योजना में जिले के 260 गांव चिन्हित हुए है। इनमें से 161 गांव पहले से ही कनेक्ट है जबकि 99 गांव को कनेक्ट करना बाकि है। जिसमें 11 सडक़ों का प्रस्ताव भेजा जा चुका है।
पीएम आवास के समीक्षा करते हुए मंत्री पटेल ने कहा कि ऐसे आवासों की सूची बनाएं जिन्हें पात्रता होने पर आवास प्रदान किया गया, लेकिन अब उनके वारिस नहीं होने के कारण बंद पड़े हंै। ग्राम पंचायत स्तर पर इसकी जानकारी निकाली जाए। पीएम आवास योजना और आवास प्लस के बावजूद कोई गांव अगर छुट गए हैं तो सभी जनपद सीईओ पंचायत एवं ग्रामीण विकास की विशेष बैठक आयोजित कर जानकारी निकाले।
स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत सामुदायिक स्वच्छता परिसर की समीक्षा करते हुए मंत्री ने कहा कि गांव में सीएससी अनुपयोगी साबित हो रहे हैं। इस कारण ग्रामीण विकास का अमला प्रयोगधर्मी बने और इनको खंडहर होने से पहले कमर्शियल तौर पर उपयोग में लाए। आवश्यकता समझे तो इसका कमर्शियल मॉडल स्थापित करते करें। युज एंड पे की तर्ज पर स्व-सहायता समूहों या अन्य को प्रदान करें।
मंत्री पटेल ने श्रम विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि विभाग को जिले में स्थापित अति खतरनाक और कम खतरनाक उद्योगों की जानकारी रखनी चाहिए। अगर कहीं हादसा होता है तो उससे पूर्व योजना बनाई जा सकती है। विभागीय उपकर के बारे में निर्देश दिए कि विभाग अब ये कोशिश भी करे कि स्थानीय निकाय और अन्य विभाग जो निर्माण कार्य से जुड़े है वे किस उपकर श्रम विभाग को देते है। इसकी भी सूची बनाकर उन्हें पृथक से भेजी जाए। साथ ही पलायन कर जाने वाले मजदूरों के संबंध में हमें यह जानकारी होनी चाहिए कि कोई श्रमिक किस कार्य से कहां जा रहा है।


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