धीरेन्द्र प्रताप सिंह वीडियो में यह कहते दिख रहा है कि उसने अधिकारियों से बवाल की आशंका जाहिर की थी, उसका यह भी आरोप है कि जानबूझकर दूसरे पक्ष के लोगों के घरों के नजदीक पंचायत भवन के पास खेत जुतवाकर वहां पंचायत लगाई गई। उसने एसडीएम और दूसरे पक्ष को एक बिरादरी का बताते हुए उनपर आपस में मिलीभगत का आरोप लगाया है।
वीडियो में उसे यह कहते हुए साफ सुना जात सकता है कि मारपीट और पथ्ज्ञराव शुरू हुआ तो वह एसडीएम और सीओ के बगल में खड़ा था। उसने अधिकारियों से मामले को कंट्रोल में करने की गुहार भी लगाई, लेकिन उसकी बातों को नजरअंदाज कर दिया गया, इसके चलते उसके परिवार के लोग दूसरे पक्ष से बुरी तरह घिर गए। उसका यह भी दावा है कि जय प्रकाश पाल की मौत उसकी गोली से हुई ही नहीं, क्योंकि उसने गोली नहीं चलाई।
धीरेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा पूरे मामले में सीओ और बीडीओ को दोषी ठहराते हुए पुलिस पर अपने परिवार वालों के उत्पीड़न का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं वह वीडियो में खुद को सेना का रिटायर्ड जवान बताते हुए इसपर गैव करता दिख रहा है। आरोप लगाया है कि घटना में उसके परिवार के लोग भी घायल हुए हैं, लेकिन जिला और पुलिस प्रशासन उनका मुकदमा नहीं दर्ज कर रहे हैं।
By Amit Kumar