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Ballia News: भेष बदल कर रह रहा सीपीआई का सदस्य गिरफ्तार, 50 हजार का था इनामिया

एसटीएस अधिकारियों के अनुसार, वर्ष 2012 में सीताराम ने अपने साथियों के साथ बलिया के सहतवार थाना क्षेत्र के अतरडरिया गांव में ग्राम प्रधान मुसाफिर चौहान की पत्नी फूलमति की हत्या की थी। प्रधान को भी मारने की साजिश रची गई थी, लेकिन वह मौके से फरार हो गया था।

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Ballia Crime News: बलिया जनपद के मनियर थाना क्षेत्र स्थित मुड़ियारी गांव का रहने वाला सीताराम उर्फ विनय लंबे समय से भेष बदलकर और नाम बदलकर अलग-अलग स्थानों पर छिपकर रह रहा था। उसके खिलाफ उत्तर प्रदेश के साथ-साथ बिहार के विभिन्न थानों में बैंक डकैती, हत्या समेत कुल पांच गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।

21 सितंबर 2004 को माओइस्ट कम्युनिस्ट सेंटर (एमसीसी) और पीपुल्स वार ग्रुप (पीडब्ल्यूजी) के विलय के बाद गठित सीपीआई (माओवादी) की बैठक में भी सीताराम की मौजूदगी रही थी। इसके बाद उसे जन आंदोलन के माध्यम से सीपीआई (माओवादी) संगठन के विस्तार की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

STF लगातार सीताराम को खोज रही थी

सीताराम द्वारा आयोजित बैठकों में शहरी और नगरीय क्षेत्रों में सक्रिय ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) शामिल होते थे, जो संगठन के लिए काम करते थे। बताया गया कि उसने वर्ष 1986 में घर छोड़ दिया था और माले संगठन से जुड़ गया था। बाद में 1990 में वह 20 सीसी का जोनल सेक्रेटरी बना।

एसटीएस अधिकारियों के अनुसार, वर्ष 2012 में सीताराम ने अपने साथियों के साथ बलिया के सहतवार थाना क्षेत्र के अतरडरिया गांव में ग्राम प्रधान मुसाफिर चौहान की पत्नी फूलमति की हत्या की थी। प्रधान को भी मारने की साजिश रची गई थी, लेकिन वह मौके से फरार हो गया था। प्रधान पर पुलिस मुखबिर होने का संदेह था और इस वारदात में सीताराम की अहम भूमिका बताई गई है। इस मामले में उसकी गिरफ्तारी के लिए तत्कालीन आजमगढ़ डीआईजी द्वारा 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था।

15 अगस्त 2023 को सीताराम अपने संगठन के प्रमुख सदस्यों तारा देवी, लल्लू राम, सत्य प्रकाश वर्मा, राम मूर्ति और विनोद साहनी के साथ बैठक कर रहा था। उस दौरान उसके सभी साथी गिरफ्तार कर लिए गए थे, जिनके पास से नक्सली विचारधारा से जुड़ी पत्रिकाएं और हथियार बरामद हुए थे, जबकि सीताराम मौके से फरार हो गया था।

इस संबंध में लखनऊ एटीएस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसकी जांच वर्तमान में एनआईए द्वारा की जा रही है। उत्तर प्रदेश के मामलों के अलावा बिहार के मुजफ्फरपुर, बांका और सीतामढ़ी जिलों में भी बैंक डकैती, हत्या, मारपीट और अवैध हथियार रखने के कई मुकदमों में वह वांछित चल रहा था। पूछताछ के दौरान सामने आए संगठन के अन्य सदस्यों के खिलाफ भी कार्रवाई का अभियान जारी रहेगा।