
Allahabad High Court
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शब्दों के चयन पर बलिया पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि यह प्रतिष्ठित हाई कोर्ट है कोई भी कोर्ट नहीं है। हाई कोर्ट ने बलिया एसपी को 3 दिन के अंदर नया हलफनामा दायर करने का निर्देश भी दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की एकल पीठ ने गजेंद्र उर्फ धर्मात्मा की याचिका पर दिया।
बलिया के गजेंद्र रसड़ा निवासी हैं। सार्वजनिक उपयोग की जमीन को कुछ लोगों ने अतिक्रमण किया था। जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए जनहित याचिका दाखिल की। कोर्ट के आदेश पर तहसीलदार ने मौका मुआयना किया और अतिक्रमण हटाने का प्रयास किया, लेकिन पत्थर बाजी होने के चलते अतिक्रमण नहीं हटा पाए। इस पर कोर्ट ने एसपी से शपथपत्र मांगा था।
एसपी ने कोर्ट में प्रस्तुत हलफनामे में कहा कि उन्हें तहसीलदार, रसड़ा, बलिया से अतिक्रमण हटाने के लिए कोई अनुरोध प्राप्त नहीं हुआ। साथ ही उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वह "किसी भी अदालत" के आदेशों का पालन करने को हमेशा तैयार रहते हैं। अदालत ने “किसी भी अदालत” जैसे शब्दों के इस्तेमाल पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि न्यायालय एक सम्मानित संस्था है और उसे इस प्रकार साधारण संदर्भ में नहीं लिया जा सकता। न्यायालय ने रजिस्ट्रार (अनुपालन) को निर्देश दिया है कि यह आदेश 24 घंटे के भीतर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, बलिया के माध्यम से पुलिस अधीक्षक तक पहुंचा दिया जाए। अगली सुनवाई नौ मई नियत की गई है
Updated on:
09 May 2025 03:53 pm
Published on:
09 May 2025 02:21 pm
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