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‘एक बयान की कीमत तुम क्या जानो दयाशंकर बाबू’

बलिया से दिल्ली तक सियासी आग सुलगाकर भागते फिर रहे बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह, मायावती अभद्र अपमानजनक टिप्पणी कर मचा दिया कोहराम

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Varanasi Uttar Pradesh

Jul 21, 2016

Mayawati and Dayashankar Singh

Mayawati and Dayashankar Singh

बलिया. पूर्व बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह की एक गाली ने बलिया से लेकर दिल्ली तक सुलगा दिया है। उनके द्वारा मायावती टिप्पणी करना न सिर्फ बीजेपी के लिये मुसीबत बना है, बल्कि खुद उनको और परिवार वालों को भी इसका खामियाजा उठाना पड़ रहा है। लखनऊ में एफआईआर दर्ज हुआ और पुलिस ने बलिया स्थित उनके घर पर छापा माराकर उनके भाई को हिरासत में ले लिया। वह खुद गिरफ्तारी के ठीक पहले बलिया से निकल गए और भागे फिर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक वह गोरखपुर पहुंचे हैं। बसपा के कार्यकर्ता प्रदेश ही नहीं सूबे के बाहर भी दयाशंकर पर कड़ी कार्रवाई को लेकर सड़क पर हैं। कुल मिलाकर बड़बोले दयाशंकर सिंह की राजनैतिक समझ कमजोर साबित हुई। वह बयान तो दे गए, लेकिन उसकी अहमियत का अंदाजा वह नहीं लगा पाए।

क्या कहा था दयाशंकर सिंह ने
मंगलवार को तत्कालीन बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने एक प्रेस वार्ता में मीडिया के कैमरों के सामने सरेआम मायावती पर अभद्र टिप्पणी कर दी थी। उन्होंने इस दौरान बसपा सुप्रीमो के बारे में आमानजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद जब उनका यह बयान मीडिया में आया तो सियासी हलकों में भूचाल आ गया। दूसरे ही दिन बसपा कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए तो खुद सुप्रीमो मायावती ने राज्यसभा में बीजेपी को ललकारा, जिसके बाद दयाशंकर पर कार्रवाई हुई।

अपने ही बयान से पलटे दयाशंकर सिंह
मंगलवार को जहां दयाशंकर सिंह मीडिया के कैमरों पर चीख-चीखकर बसपा सुप्रीमो मायावती को अपशब्द कह रहे थे। महिलाओं को कहे जाने वाले सबसे अभद्र अपशब्द कहे, वहीं बुधवार को इस पर मचे बवाल और उन पर हुई पार्टी की ओर से कार्रवाई के बाद वह राइट टाइम हो गए। उनका ऐसा हृदय परिवर्तन हुआ कि एक दिन अभद्र टिप्पणी से नवाजने के बाद उन्हें अचानक मायावती संघर्षों से निकली जमीनी नेता नजर आने लगी। वह उनकी शान में कसीदे पढ़ने लगे। पर तब तक काफी देर हो चुकी थी।

बैकफुट पर आई बीजेपी, मायावती को मिला नया मुद्दा
अपने नेता दयाशंकर सिंह के बयान से पल्ला झाड़ रही बीजेपी पूरी तरह बैकफुट पर आ गई। इसके चलते उसे पहले तो दयाशंकर सिंह को पद से हटाना पड़ा, लेकिन इसके बाद भी बवाल न थमने पर उन्हें छह साल के लिये पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना पड़ा। जहां बीजेपी बैकफुट पर आ गई, वहीं मायावती के हाथ एक बड़ा मुद्दा बैठे-बिठाए लग गया। उन्होंने इसको भुनाने में तनिक भी देर नहीं लगाई और राज्यसभा में एक जोरदार ललकार के साथ इसका खूब फायदा लिया।

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सुबे में सड़कों पर उतरे बसपा कार्यकर्ता
दयाशंकर सिंह के बयान के बाद बसपा कार्यकर्ताओं को भी सड़क पर अपनी ताकत का इजहार करने का मौका मिल गया। पार्टी ने भी इसे हाथ से नहीं जाने दिया और बुधवार से ही कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और पुतला, फू्ंकना व आंदोलन का सिलसिला शुरू हो गया। गुरुवार तक प्रदेश के तकरीबन हर जिले में बसपा कार्यकर्ताओं का विरोध दिखने लगा।

भूमिगत हुए दयाशंकर, भाई पुलिस हिरासत में
दयाशंकर सिंह को देर से ही सही अपनी करनी का एहसास हुआ और माफी मांगने के साथ ही वह कार्रवाई को लेकर सतर्क हो गए। एफआईआर दर्ज होने के बाद वह भूमिगत हो गए। पुलिस जब उनके बलिया स्थित आवास पर पहुंची तो वह नहीं मिले। पुलिस की छापामारी में जब कोई नहीं मिला तो भाई धर्मेंद्र सिंह को हिरासत में लिया गया और पुलिस लाइन ले जाया गया। पुलिस उनके दूसरे संभावित ठिकानों पर गिरफ्तारी के लिये दबिश दे रही है। हालांकि परिवार वालों ने सफाई दी है कि पुलिस उनके घर छापा मारने नहीं बल्कि हालात को देखते हुए सुरक्षा सुनिश्चित करने आई थी।

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बसपा नेताओं ने दयाशंकर सिंह को बताया मानसिक बीमार
बहुजन समाज पार्टी के नेताओं के निशाने पर दयाशंकर सिंह ही रहे। बलिया में इधर उनके घर छापेमारी चल रही थी तो दूसरी ओर बसपा कार्यकर्ता उनका पुतला फूंक रहे थे। बसपा नेता और पूर्व चेयरमैन संजय उपाध्याय ने कहा कि बहन मायावती पर की गई टिप्पणी इतनी अभद्र है कि हम दोहरा भी नहीं सकते। समय आने पर पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता इसका जवाब देने के लिये तैयार है। बसपा नेता डॉ. शोएबुल इस्लाम भी दयाशंकर सिंह के बयान पर गुस्से का इजहार किया और इसे शर्मनाक बताया।