
Delhi High Court:दिल्ली के द्वारका इलाके में गर्लफ्रेंड की सहेलियों के साथ पार्टी के बाद प्रेमिका के घर में युवक की मौत मामले में कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाई है। दरअसल, 23 साल के होटल मैनेजमेंट ग्रैजुएट अर्नव दुग्गल की संदिग्ध मौत की जांच अब CBI करेगी। दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए टिप्पणी की है। अब इस मामले में CBI ने नई FIR दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
आपको बता दें कि पूरा मामला 12 जून 2017 का है। अर्नव दुग्गल ITC ग्रैंड भारत होटल में मैनेजर थे और पटेल नगर के रहने वाले थे। वह अपनी गर्लफ्रेंड मेघा की दो सहेलियों के साथ पार्टी करने के लिए नोएडा के मालवीय नगर के क्लब में गए थे। पार्टी खत्म होने के बाद अर्नव ने पहले सहेलियों को उनके घर छोड़ा फिर प्रेमिका मेघा के साथ द्वारका सेक्टर-10 के फ्लैट पर पहुंचा। उस रात मेघा के माता-पिता घर पर नहीं थे। अगले दिन जब मेघा उठी तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। दरअसल, अर्नव दुग्गल का शव पंखे से झूल रहा था। आनन-फानन में उसके शव को पंखे से नीचे उतारा गया और अर्नव के माता-पिता को इस घटना के बारे में सूचना दी गई। मौके पर पहुंचे मृतक के माता-पिता ने इस घटना की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने प्राथमिक जांच में ही इस घटना को आत्महत्या मान ली ।
इस घटना को दिल्ली पुलिस की तरफ से आत्महत्या करार दे दिया गया था, लेकिन अर्नव के माता-पिता को संदेह था इसलिए उन्होंने कई साल अदालतों के चक्कर लगाए। पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने पक्षपात करने का आरोप लगाया। इसके बाद अर्नव की मां अनु दुग्गल ने कोर्ट में घटना वाले दिन की फोटो पेश कीं। फोटो दिखाकर दावा किया कि पंखे पर जमी धूल और मकड़जाल बिल्कुल अछूते दिख रहे हैं। इसके साथ ही साल 2018 में शहर की अदालत ने मामले में गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि लगभग 80 किलो वजन का व्यक्ति अगर फंदा लगाता तो पंखे की धूल और नाजुक मकड़जाल का बिना हिले रहना संदिग्ध है। कोर्ट ने टिप्पणी की कि पुलिस ने मामले को जानबूझकर आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की। साथ ही यह भी कहा गया कि गर्दन के पीछे सामान्य फंदे के निशान नहीं पाए गए। अदालत के आदेश पर 2018 में हत्या का मामला दर्ज किया गया, लेकिन आठ साल बीत जाने के बाद भी जांच में कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया। पुलिस का कहना है कि उन्होंने पूरी जांच की पर हत्या के कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले।
अब इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाते हुए मामले को सीबीआई को सौंपने के लिए आदेश दे दिया है। इसके साथ ही दिल्ली पुलिस की जांच में हुई सभी चूकों और जिम्मेदारी तय करने पर भी रिपोर्ट मांगा है। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला ने कहा कि विज्ञान और फोरेंसिक तकनीक में हुई तरक्की से दुनिया भर में कई दशकों पुराने मामले सुलझाए जा चुके हैं, इसलिए सच तक पहुंचने में कभी देर नहीं होती। उन्होंने अमेरिका के कुख्यात मामलों का हवाला देते हुए बताया कि गोल्डन स्टेट किलर जोसेफ डिएंजेलो और ग्रीन रिवर किलर गैरी रिडग्वे जैसे अपराधियों को फोरेंसिक डीएनए तकनीक की मदद से करीब 40 साल पुराने मामलों में पकड़ा जा सका।
Updated on:
23 Dec 2025 05:47 pm
Published on:
23 Dec 2025 05:24 pm
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