
भगवान विष्णु
बलिया. आज से चतुर्मास शुरू हो गया है। 23 जुलाई यानी आज से भगवान विष्णु योग निद्रा में लीन हो जाते है। जिस वजह से इन महीनों को चतुर्मास कहा जाता है। हिंदू धर्म में इन चार महीनों का अपना एक विशेष अध्यात्मिक महत्व है। अगर आप कुंवारे हैं और शादी के लिए अभी तक कोई सुयोग्य वर या कन्या नहीं ढूंढ़ पाए हैं तो आपको अभी कम से कम 4 महीने और इंतजार करना होगा। 23 जुलाई से चातुर्मास शुरू होने जा रहा हैं और यह 19 नवंबर तक देवउठानी एकादशी तक रहेगा । चातुर्मास में सभी मांगलिक कार्य रुक जाएंगे। इस दौरान विवाह संस्कार, जातकर्म और गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य रोक दिए जाते हैं। वहीं कई ऐसे काम है जो चतुर्मास के दौरान नहीं करने चाहिए।
इसमें आसुरी शक्तियां होती हैं ताकतवर
चार माह के लिए भगवान विष्णु योगनिद्रा में लीन हो जाते हैं तब सृष्टि के सर्वनाश के लिए बुरी और आसुरी शक्तियां अत्याधिक ताकतवर हो जाती है। इन शक्तियों को कमजोर करने और देवताओं को ताकत पहुंचाने के लिए बड़ी मात्रा में पूजा-पाठ और धार्मिक कृत्य किए जाते हैं। इसीलिए हिन्दू धर्म में आषाढ़ मास से प्रारंभ होने वाले चतुर्मास का विशेष महत्व है। इन धार्मिक कृत्यों में विशेष रूप से बनी धातु की सामग्रियों का ही उपयोग किया जाता है।
चतुर्मास में भूलकर भी न करें ये काम
1-चतुर्मास में चौंकी या बेड पर नहीं सोना चाहिए। फर्श पर सोना और सूर्योदय से पहले उठना बहुत ही शुभ माना जाता है। इन 4 महीनों में अधिकतर समय तक मौन रहना चाहिए। हो सके तो दिन में केवल एक बार ही भोजन करना चाहिए।
2-इस दौरान मांसाहार और शराब का सेवन वर्जित है। सहवास न करें और झूठ न बोलें।
3-शहद या अन्य किसी प्रकार के रस का प्रयोग न करें। बैगन, मूली और परवल न खाएं।
Updated on:
23 Jul 2018 01:26 pm
Published on:
23 Jul 2018 08:40 am
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