लाखों भक्त लाठियों से लैश होकर जनशैलाब अपने शौर्य व पराक्रम का परिचय देते हैं
lathi pooja
बलिया. हिन्दू धर्म आस्था का प्रतीक माना जाता है। वहीं कौमी एकता का प्रतीक भी कहें तो कोई अतिश्योक्ति नही होगी।जी हाँ यू पी के बलिया में एक ऐसा पूजा होता है जिसे लाठी पूजा हेतु लाखों भक्त लाठियों से लैश होकर जनशैलाब अपने शौर्य व पराक्रम का परिचय देते हैं।जो विश्व का अनोखा है।यही नही कुछ तो ऐसे सांसद तथा विधायक जो अलग- अलग पार्टी के उक्त पूजा में शिरकत हुए।जिन्होंने पूजा पर भी राजनीतिक करते बज नही आये — पेश है एक रिपोर्ट,
बलिया जनपद का यह रसड़ा क़स्बा स्थित श्री नाथ बाबा का मठ है।जहाँ विश्व की अनोखी पूजा के रूप में श्री नाथ बाबा लाठी पूजा हो रहा है।पूजा में लाखों भक्त पूजा सामग्री के साथ लाखों की जनशैलाब में लाठियों से लैश होकर सूरवीर की तरह जय घोष का नारा लगाते हुए किसी युद्ध का आगाज नही बल्कि अपने पूर्वज के श्री नाथ बाबा के पूजा में शामिल होने जा रहे हैं।साथ ही पूजा स्थल का परिक्रमा भी कर रहे हैं।मान्यता है कि लखनेश्वर इलाका को लाठियों के बूते श्री नाथ बाबा ने करमुक्त कराया था।और इस इलाका के लोगों को देश भक्ति की भावना से ओत प्रोत किया था।
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तब से शौर्य और पराक्रम की परम्परा चल पड़ी।इस पूजा का आयोजन सेंगर वंशीय राजपूत यहां जुटते हैं।मगर यह रोट पूजा कौमी एकता की एक अनोखी मिशाल भी है।इस लाठी पूजा में एक तरफ श्री नाथ बाबा को रोट प्रसाद चढाया जाता है, तो दूसरी तरफ रोशन शाह बाबा के मजार पर चादर भी चढ़ाया जाता है।बिना किसी भेद भाव के हिंदू मुस्लिम पूजा में शरीक होते हैं।हालाँकि रसड़ा विधायक(बसपा) उमाशंकर सिंह की माने तो यह राजनीतिक अखाड़ा बनते नजर आ रहा है।ऐसा नही होने दिया जाएगा।।
बलिया जनपद का यह लाठी पूजा विख्यात माना जाता है।बलिया के आलावा अन्य जनपदों से भी लोग प्रसाद ग्रहण करने आते हैं।श्री नाथ बाबा के मठाधीश कौशलेन्द्र गिरी की माने तो पूर्वजों के अनुसार मऊ जनपद मे कभी एक गाय को वध हेतु रखा गया था।और श्री नाथ बाबा उस समय इलाका के लोगों को लेकर मऊ पहुँचे।जहाँ हथियार रखे गये थे।और बाबा की शक्ति के आगे वर्षा आ गई जहाँ सभी कारतूस निष्क्रिय हो गए।तथा लाठियों के बल पर गाय को छुड़ाया गया।तब से यहाँ लाठियों से लैश होकर शौर्य का परिचय दिया जाता है।इस बार श्री नाथ बाबा का पूजा आठ वर्ष बाद हो रहा है।।।