बताया जाता है कि दुष्कर्म के चर्चित मामले में तब नया मोड़ आ गया, जब पीड़ित लड़की नयी-नवेली दुल्हन के लिबास में अपने ही गांव के आरोपी संतोष के घर पहुंच गयी। उसने संतोष को अपना पति बताया व उसके परिजनों से बताया कि आठ माह पहले ही दोनों ने शादी कर ली थी। आरोपित के घरवालों ने भी अपने ही गांव की युवती को बहू के रुप में स्वीकार कर लिया। इसकी जानकारी जैसे ही युवती के परिजनों को मिली, परिजन तत्काल थाने पहुंच गये। युवती के परिजनों की शिकायत पर थाने में तैनात उपनिरीक्षक श्रीकृष्ण यादव तत्काल गांव पहुंच गये। यादव ने युवक-युवती के परिजनों का पक्ष सुना। दोनों के घरवालों से बातचीत की। पुलिस ने लड़की से भी पूछताछ की, जिसमें वह आठ माह पूर्व ही संतोष से शादी के अपने दावे पर अडिग रही।
युवती ने पुलिस से अपनी सुरक्षा की गुहार लगायी। युवती ने अपने मां-बाप एवं परिवार के अन्य सदस्यों से खुद की जान को खतरा बताते हुए कहा कि उसे जान से मारने की लगातार धमकी दी जा रही है।
घटनाक्रम की शुरुआत हालिया 26 सितम्बर को हुई। गांव से छह किलोमीटर दूर दलछपरा गांव के समीप युवती अचेतावस्था में पड़ी थी। आसपास के लोगों ने उसे तत्काल अस्पताल पहुंचाने के साथ ही उसके परिजनों इसकी सूचना दी। सूचना पाकर पहुंचे परिजनों ने गांव के ही दो युवकों संतोष एवं हरिशंकर के खिलाफ दुष्कर्म का नामजद मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अब मामले में नया मोड़ आने से जहां पुलिस की जांच एवं मेडिकल रिपोर्ट पर सवाल उठने लगे हैं, वहीं रेवती पुलिस भी हैरान है।