
सरस्वती पूजा
वाराणसी. माघ शुक्ल की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी मनाई जाती है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती की पूजा शुभ मुहूर्त में करने से विद्या, धन और वैभव तथा सुख शांति की प्राप्ति होती है। इस दिन मां सरस्वती को दूध, दही, मक्खन,घी व नारियल से पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा इस दिन अच्छे काम करना भी शुभ माना जाता है। इस बार 22 जनवरी (सोमवार) को बसंत पंचमी मनाई जा रही है। शास्त्रों के अनुसार बसंत पंचमी के दिन ही विद्या की देवी सरस्वती का जन्म हुआ था। इसलिए वसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा का विधान है। सरस्वती पूजा के दिन कई लोग वासना के देवता कामदेव की भी पूजा करते हैं।
किसानों के लिए भी खास महत्व रखता है यह त्योहार
बसंत पंचमी का त्योहार किसानों के लिए भी खास महत्व रखता है। इस दिन से फूलों में बहार आ जाती हैं खेतों में सरसों के फूल आ जाते हैं। जौ और गेहूं की बालियां खिलने लगतीं हैं और आम के पेड़ों पर बौर आ जाता और हर तरफ़ रंग-बिरंगी तितलियां मंडराने लगती है। इस दिन महिलाएं पीली वस्त्र पहनती हैं।
वसंत पंचमी कथा
पौराणिक कथा के अनुसार जब सृष्टि की रचना की तब उस समय वातावरण में नीरसता, उदासी थी। ऐसा लग रहा था मनो किसी की वाणी नहीं है, सभी मूक हैं। भगवान विष्णु को यह देखकर अच्छा नहीं लगा, उनहोंने अपने कमंडल से जल लेकर छिड़का।
जल-कणों के छिड़कते ही पेड़ों से एक शक्ति उत्पन्न हुई, जो अपने दोनों हाथों से वीणा बजा रही थी। साथ ही इस देवी के हाथों में पुस्तक और मोती की माला थी। इस देवी ने भी समस्त प्राणियों को वाणी (बोलने की शक्ति) प्रदान की। जिसके बाद से ही इस देवी को सरस्वती कहा गया।
यह देवी विद्या और बुद्धि की अधिष्ठात्री हैं, इसलिए इन्हें विद्यादायनी भी कहा जाता है। यही कारण है कि वसंत पंचमी के दिन घर-घर में माता सरस्वती की पूजा होती है। इतना ही नहीं शायद यही कारण है कि इस दिन को सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है।
सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त
पूजा शुभ मुहूर्त- 22 जनवरी 2018 प्रातः 07 बजकर 17 मिनट से
बसंत पंचमी तिथि प्रारंभ 21 जनवरी 2018 (रविवार) को 15:33 बजे से
बसंत पंचमी तिथि समाप्त 22 जनवरी 2018 को 16:43 तक
Published on:
19 Jan 2018 02:21 pm
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