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महिला की पेट में अचानक हुआ असहनीय दर्द, जब जांच की तो बच्चेदानी की नली में मिला 45 दिन का भ्रूण

महिला की गम्भीर स्थिति के बावजूद चिकित्सकों ने हार नहीं मानी और इलाज किया। कड़ी निगरानी और इलाज के बाद आखिरकार चिकित्सकों को सफलता हाथ लगी। महिला की जान बचा ली गई। यह किसी चमत्कार से कम नहीं था।

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बालोद

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Dakshi Sahu

Jul 20, 2020

महिला की पेट में अचानक हुआ असहनीय दर्द, जब जांच की तो बच्चेदानी की नली में मिला 45 दिन का भ्रूण

महिला की पेट में अचानक हुआ असहनीय दर्द, जब जांच की तो बच्चेदानी की नली में मिला 45 दिन का भ्रूण

बालोद. जिला अस्पताल में एक महिला के बाएं साइड के फैलोपियन ट्यूब (बच्चादानी की नली) में ट्यूबल प्रेगनेंसी होने के कारण मरीज को पेट में असहनीय दर्द होता था। खून का जमाव था, जिसे रविवार को डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक ऑपरेशन कर एक्स पलोरेट्री लेप्रोटॉमी किया गया। इस महिला की गम्भीर स्थिति के बावजूद चिकित्सकों ने हार नहीं मानी और इलाज किया। कड़ी निगरानी और इलाज के बाद आखिरकार चिकित्सकों को सफलता हाथ लगी। महिला की जान बचा ली गई। यह किसी चमत्कार से कम नहीं था।

रविवार सुबह कलेक्टर के निज सहायक मनोज कुमार बुरडे की पत्नी के पेट में अचानक दर्द हुआ। उसे तत्काल बालोद जिला अस्पताल पहुंचाया गया। जांच के बाद पता चला कि उसे तकरीबन 35-40 दिनों का गर्भ है। अस्पताल प्रबंधन ने गायनकोलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट और महिला विशेषज्ञों की टीम से जांच कराई। तब पता चला कि महिला के बाएं साइड के फैलोपियन ट्यूब में ट्यूबल प्रेगनेंसी होने के कारण पेट में खून का जमाव था, जिससे असहनीय दर्द हो रहा था। जिसे एक्स पलोरेट्री लेप्रोटॉमी किया गया। इस दौरान महिला के शरीर से काफी खून बह गया था। परेशानी को देखते हुए जिला अस्पताल सिविल सर्जन महिला के इलाज के लिए आगे आए। अपनी पूरी टीम के साथ महिला का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया।

जान बचाने के लिए जरूरी था ऑपरेशन
सिविल सर्जन डॉ. एसएस देवदास ने बताया कि ऐसा ऑपरेशन रिस्की रहता है, लेकिन हमें महिला की जान बचानी थी, इसलिए ऑपरेशन किया। जो सफल रहा। महिला खतरे से बाहर है। उन्हें वार्ड में शिफ्ट कर डॉक्टर लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। सिविल सर्जन की माने तो जिला अस्पताल में पहली बार ऐसा मामला सामने आया है।

इस टीम का योगदान
ऑपरेशन को सफल बनाने में जिला अस्पताल के प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. एसएस देवदास के मार्गदर्शन में डॉ. अरविंद वनकर, डॉ. तोमेश श्रीमाली, डॉ. देवेंद्र साहू, स्टाफ नर्स बबीता, अनूप देशपांडे, प्रभारी ओटी अटेंडेंट ओंकार सिन्हा, आया रेखा साहू आदि का योगदान रहा।