इस बार सावन माह के शुरुआती दिनों में भी मौसम दगा दे रहा है। कुछ दिन रिमझिम बारिश के बाद एक सप्ताह से ठीक से बारिश नहीं हो रही है, जिससे किसान चिंतित हो गए हैं।
बालोद. इस बार सावन माह के शुरुआती दिनों में भी मौसम दगा दे रहा है। कुछ दिन रिमझिम बारिश के बाद एक सप्ताह से ठीक से बारिश नहीं हो रही है, जिससे किसान चिंतित हो गए हैं। किसान अपने खेतों में धान की बोनी लगभग कर चुके हैं, वहीं कई किसान लेही व रोपा पद्धति से धान की खेती कर रहे हैं, लेकिन कम बारिश से किसानों को कुछ समझ में नहीं आ रहा। अब कई गांवों में बारिश के लिए रामायण का पाठ भी शुरू हो गया है।
जिले में 10 जुलाई की स्थिति में 285 मिमी बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक जिले में बीते साल 10 जुलाई की स्थिति में 285 मिमी बारिश हुई थी। इस बार 331 मिमी बारिश हुई है, जो पिछले साल की तुलना में 46 मिमी अधिक बारिश हुई है। जिले में इस मानसून सीजन में आखिरी बार ज्यादा बारिश 28 जून को ही 99 मिमी बारिश हुई थी। इसके बाद से अभी तक अच्छी बारिश नहीं हुई।
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पानी नहीं होने से फसल सूखने की स्थिति में
जिले में इस साल धान बोआई का कार्य बीते साल की तुलना में पिछड़ा हुआ है। जिन किसानों ने बोयता खुर्रा बोनी से धान की फसल ली है, उनकी चिंता सबसे ज्यादा है, क्योंकि खेतों में पानी नहीं होने से फसल सूखने की स्थिति में है। हालांकि किसानों को अच्छी बारिश की उम्मीद है। फिलहाल किसान नर्सरी तैयार कर चुके हैं। रोपा पद्धति से धान की बोआई कर रहे हैं।
जिले में अब तक कितनी हुई है बारिश
तहसील - बारिश मिमी में
बालोद -381
गुरुर -321
गुंडरदेही -261
डौंडी-356
डौंडीलोहारा -471
अर्जुंदा -205
मार्रीबंगला (देवरी)-322
औसत बारिश -331 मिमी