
100 साल पुरानी बुनियादी शाला का अस्तित्व खतरे में (photo Patrika)
CG News: डौंडी के लगभग 100 साल पुराने शासकीय उत्तर बुनियादी शाला को मर्ज कर उसका अस्तित्व मिटाने की कोशिश की जा रही है। इस स्कूल की दीवारें आज भी अपना इतिहास बताती हैं।
पुरानी यादों को संजोए बुनियादी शाला की बुनियाद को ही विभाग मिटाने की तैयारी कर रहा है। 15 अगस्त 1932 में अस्तित्व में आए बुनियादी शाला के भवन की स्थापना रानी झमित कुंवर ने की थी। 1932 के पहले भी यह स्कूल संचालित था। 1932 में इसके भवन का निर्माण किया गया था। भवन निर्माण का शिलालेख आज भी बुनियादी शाला में स्थापित है।
शाला को स्वतंत्र रखें
यह शाला बहुत पुरानी है। मेरे ससुर और उनके पिता ने भी इसी स्कूल से शिक्षा प्राप्त की है। ऐसे में ऐतिहासिक शाला को बंद ना किया जाए। इस शाला को स्वतंत्र रखा जाए।
-मंजूषा कुंभकार, अध्यक्ष, शाला प्रबंधन समिति
शिक्षा का मुख्य केंद्र बुनियादी शाला रहा
पूर्व में बालक शाला पूर्व माध्यमिक शाला बालक हायर सेकंडरी के भवन में संचालित था। बालक पूर्व माध्यमिक शाला को संचालन व्यवस्था के तहत बुनियादी प्राथमिक शाला में लगाया जा रहा था। शिक्षा का मुख्य केंद्र डौंडी नगर के बुनियादी शाला रहा। इस शाला के पूर्व माध्यमिक बालक शाला में मर्ज होने पर बुनियादी शाला का अस्तित्व खतरे में है, जिसका विरोध कर प्रबंधन समिति और पालकगण व नगरवासी पृथक व स्वतंत्र रखने की मांग कर रहे हैं।
युक्तियुक्तकरण से ऐतिहासिक स्कूल भी प्रभावित
शालाओं के युक्तियुक्तकरण के तहत ब्लॉक मुख्यालय डौंडी के शाला शासकीय उत्तर बुनियादी प्राथमिक शाला डौंडी को भी मर्ज किया जाएगा। 1932 से संचालित स्कूल को डौंडी रियासत की रानी ने अपनी जमीन दान में देकर भवन भी दान की थी। तब से यह शाला संचालित है, जिसमें डौंडी ब्लॉक के बहुत विद्यार्थी प्राथमिक शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं। युक्तियुक्तकरण के तहत बुनियादी शाला को शासकीय पूर्व माध्यमिक बालक शाला डौंडी में मर्ज किया जा रहा है। जबकि प्राथमिक शाला बुनियादी में पर्याप्त संख्या हमेशा रहती है।
Updated on:
26 Jun 2025 04:34 pm
Published on:
26 Jun 2025 04:33 pm
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