प्रकरण के मुताबिक युवती अनूपा पिता मघन (20) अपनी सहेली के साथ लौटी थी। दोनों के डौंडी विकासखंड के ग्राम पचेड़ा में क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया था। 19 मई को सुबह अनूपा की तबीयत बिगडऩे पर जिला अस्पताल बालोद में भर्ती कराया गया था। तबीयत ज्यादा बिगडऩे पर 20 मई को मेडिकल कॉलेज राजनांदगांव रेफर कर दिया गया। राजनांदगांव से 24 मई को सुबह 6.30 बजे हायर सेंटर रायपुर रेफर किया गया।
रायपुर ले जाते समय उसकी रास्ते में मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने शव को सीधे ग्राम ले जाकर उसका अंतिम संस्कार करा दिया गया। इधर कलेक्टर ने अपने नोटिस में कहा कि संचालनालय चिकित्सा शिक्षा के अनुसार कोविड-19 महामारी के चलते शव परीक्षण के संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इस मामले में इसका पालन नहीं किया गया। उन्होंने बीएमओ से पूछा कि किन परिस्थितियों में बिना रिजल्ट आए शव का अंतिम संस्कार किया गया। प्रोटोकॉल का पालन क्यों नहीं किया गया।
बालोद से राजनांदगांव किया गया था रेफर
19 मई को युवती की तबीयत बिगडऩे के कारण सुबह 9.30 बजे जिला अस्पताल बालोद रेफर किया गया। 19 मई को जिला अस्पताल बालोद में आरटीपीसीआर किया गया, जिसकी रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। 20 मई को उसे मेडिकल कॉलेज राजनांदगांव रेफर कर दिया गया। वहां उसका इलाज 24 मई तक चला। 24 मई को उसे 6.30 बजे हायर सेंटर रायपुर रेफर किया गया था।
हैदराबाद में काम करती थी युवती
इधर खंड चिकित्सा अधिकारी डौंडी ने पंचनामा रिपोर्ट में बताया कि 24 मई को युवती की मौत की सूचना मिली। खंड चिकित्सा अधिकारी और उनकी टीम ने ग्राम पचेड़ा में जाकर घर वालों से पूछताछ की। उन्होंने बताया कि युवती की तबीयत जनवरी से खराब था। जिसका इलाज प्राइवेट डॉक्टर से करा रहे थे। ठीक होने के बाद 20 फरवरी के बाद हैदराबाद काम करने चली गई थी। वहां एक मॉल में काम करती थी। 18 मई को युवती और उसकी सहेली दोनों रात आठ बजे पचेड़ा पहुंचे। दोनों को आंगनबाड़ी में क्वारंटाइन में रखा गया था।