
Dilapidated bridge बालोद जिला मुख्यालय में भले ही नेशनल हाइवे की सड़क का निर्माण हो रहा हो लेकिन शहर में प्रवेश करने से पहले गड्ढों, सरिया व उखड़े पुल से राहगीरों का स्वागत होगा। इस जर्जर पुल की मरम्मत के नाम पर भले ही खानापूर्ति जिम्मेदार विभाग द्वारा की गई हो लेकिन वर्तमान में पुल की जो स्थिति है, उससे सड़क दुर्घटना हो सकती है।
बीती रात हुई बारिश से पुल पर पानी भर गया है। इसका प्रमुख कारण पुल पर बनाए गए छोटे-छोटे छेद कीचड़ व मिट्टी से बंद हो गए हैं, जिसके कारण पानी भर गया है। वहीं जिम्मेदार विभाग व प्रशासन के आला अधिकारी भी इसी मार्ग से होकर गुजरते हैं लेकिन उन्हें पुल की यह दुर्दशा दिखाई नहीं देती और न ही कोई इस पुल की मरम्मत कराने पर ध्यान दे रहा है। अधिकारियों की लापरवाही के कारण ही पुल की बेहाल है।
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जानकारी के मुताबिक प्रशासन तांदुला नदी पर बने इस पुल की मरम्मत के नाम पर बार-बार खर्च करता है। अगर पुल की नए सिरे से पूरी मरम्मत करवा दी जाए तो राहगीरों को भी काफ़ी राहत मिलेगी।
वहीं जिम्मेदार विभाग को इस पुल पर किसी बड़ी घटना का इंतजार है, जिसके बाद ही इस पुल की मरम्मत की जाएगी। पुल की मरम्मत करने में आखिर क्यों शासन व प्रशासन ढिलाई बरत रहे हैं, यह समझ से परे है।
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इस पुल में भरे कीचड़ की सफाई कब होगी, इसका जवाब अभी अधिकारियों के पास भी नहीं है जबकि इस पुल की सफाई व नए सिरे से पूरे पुल की मरम्मत कराने की जरूरत है।
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इस पुल पर कांक्रीट उखडऩे से सरिया भी पुल से बाहर निकल चुका है। वहीं पुल पर कुछ-कुछ जगहों पर गड्डे भी हो चुके हैं। शनिवार को दो मोटरसाइकिल के पहिए गड्ढे में फंस गए, लेकिन चालक बाल बाल बच गए। अब तो राहगीर भी कह रहे हैं कि इस पुल की मरम्मत एक बार कराएं लेकिन अच्छे से कराएं।
Updated on:
15 Jun 2024 11:51 pm
Published on:
15 Jun 2024 11:49 pm
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