
नौतपा से पहले प्री-मानसून बारिश! (Photo- Patrika)
Monsoon 2025: छत्तीसगढ़ में मानसून के आने की तारीख आ गई हैै। दूसरी ओर प्रदेश के सभी जिलों में छाए काले बादलों की वजह से बारिश के हालात बने हुए हैं। आज दिनभर कहीं कहीं हल्की से मध्यम बारिश हुई। बदले मौसम के मिजाज से लगा कि प्रदेश में प्री-मानसून बारिश की शुरुआत हो गई है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे के लिए अलर्ट जारी किया है। बताया है कि इस दौरान कहीं कहीं आंधी-तूफान के साथ तेज बारिश की संभावना है।
ज्येठ के महीने सूरज की तपिश बढ़ जाती है। पारा 45 के पार रहता है,लेकिन सालों बाद ऐसा हुआ है कि ज्येठ के महीने में आज गर्मी पूरी तरह से गायब हो गई। दिनभर बदली और हल्की बूंदाबांदी से ठंड का एहसास हुआ। वहीं लगा कि आषाढ़-सावन का महीना आ गया। बता दें कि मौसम विभाग ने अगले 3 दिनों के लिए बारिश की चेतावनी जारी की है।
इस बार जल्द मानसून सक्रिय होने की बात मौसम विभाग कह रहा है। बालोद में बुधवार की शाम 6 बजे शुरू हुई बारिश देर शाम तक जारी रही। बारिश से मौसम में ठंडकता के साथ लोगों को गर्मी से भी बड़ी राहत मिली। मौसम विभाग के अनुसार एक निम्न दाब का क्षेत्र दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी में बना हुआ है। वहीं आज दिनभर बादल छाए रहे। कहीं—कहीं मध्यम बारिश हुई।
मौसम विभाग ने बताया कि अगले 48 घंटों में मौसम बार-बार बदल सकता है। तेज हवाओं के साथ अधिकतर स्थानों पर तेज बारिश की संभावना बन रही है। दो तीन दिनों के दौरान दक्षिण अरब सागर के कुछ हिस्सों और मालदीव के अधिकतर भाग से मानसून आगे बढ़ सकता है। इसके प्रभाव से छत्तीसगढ़ में भी मौसम बदलेगा। यह प्री-मानसून की बारिश का दौर अभी जारी रहने के संकेत हैं।
मौसम विभाग के मुताबिक अभी हो रही बारिश प्री-मानसून का एक रूप है। दक्षिण पश्चिम मानसून आगे बढ़ते हुए दक्षिण अरब सागर, मालदीव के कुछ भाग, कोमरान क्षेत्र, दक्षिण बंगाल की खाड़ी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और अंडमान सागर तक पहुंचेगा। मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं। इसके अलावा एक निम्न दाब का क्षेत्र दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उससे लगे पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के पास स्थित है। इसके अलावा ऊपरी हवा का साइक्लोन तैयार है। उत्तर-पूर्व दिशा में आगे बढ़ते हुए 24 मई को और ज्यादा प्रबल होकर मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर पहुंचने की संभावना है।
इस साल नौतपा की शुरुआत 25 मई से होगी, जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा। यह अवधि नौ दिनों तक चलेगी। इसका समापन 8 जून को होगा। जब सूर्य मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करेगा। वैसे तो नौतपा के शुरुआती 9 दिन सबसे गरम होते हैं, लेकिन ये 15 दिन की अवधि होती है, जिसमें सबसे अधिक भीषण गर्मी पड़ती है। यह नौ दिन प्रकृति के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दौरान धरती सूर्य की तेज ऊष्मा को अवशोषित करती है, जो आगे चलकर मानसून के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करती है।
Updated on:
22 May 2025 06:42 pm
Published on:
22 May 2025 06:39 pm
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