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ऐसी भी सेवा : गरीब बच्चों का भविष्य संवारने संपन्न बच्चों से मांगते हैं स्टेशनरी

ये ऐसे लोग हैं जो अपने साथ दूसरों के लिए भी जीते हैं। समाज सेवा ऐसी कि पढऩे वालों के साथ नौकरीपेशा युवा शिक्षा का अलख जगा रहे हैं। इसके लिए वे मानव उत्थान सेवा समिति के मिशन एजुकेशन से जुड़ कर पुण्य का काम कर रहे हैं।

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ऐसी भी सेवा : गरीब बच्चों का भविष्य संवारने संपन्न बच्चों से मांगते हैं स्टेशनरी

बालोद. युवाओं की टीम शहर की स्लम बस्तियों के साथ गांव में शिक्षा का अलख जगा रही है। इसके लिए गरीब बच्चों का भविष्य संवारने के लिए स्कूलों में बॉक्स लगाकर वे संपन्न परिवार के छात्रों से स्टेशनरी मांगते हैं। उसके बाद मिली किताब-कापियों को आवश्यकता वाले बच्चों में बांटा जाता है। इससे ऐसे बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से जारी रहे।

हर सदस्य करता है कड़ी मेहनत
मानव उत्थान सेवा समिति के मिशन एजुकेशन से जुड़े युवा अपनी पढ़ाई व नौकरी को ध्यान में रखते हुए व्यवस्था कर समय निकालकर जरूरतमंद बच्चों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने अभियान चला रहे हैं। इसके लिए पहले वे स्टेशनरी इक_ा करते हैं। इसी कड़ी में तीन दिवसीय मिशन एजुकेशन समर कैंप का आयोजन श्री हंस विद्यान खपरी (मालीघोरी) बालोद में किया गया। इसमें लगभग 100 बच्चों को नैतिक, शारीरिक, भौतिक शिक्षा प्रदान किया गया। उसके बाद स्टेशनरी वितरण किया गया।

ऐसे चल रहा है मिशन
ये युवा शहर के बड़े स्कूलों में जाकर वहां संपन्न परिवार के बच्चों को अपनी स्टेशनरी में से कुछ गरीब बच्चों के लिए दान करने को प्रेरित करते हैं। स्कूलों की अनुमति से कैंपस में बॉक्स लगाते हैं जिसमें बच्चे अपनी शिक्षा से स्टेशनरी, कापी, पेन आदि डाल देते हैं। स्कूली बच्चों से प्राप्त स्टेशनरी और अपने स्तर से भी सहयोग कर जरूरतमंद बच्चों तक पहुंचाते हैं।


दर्जनभर जिलों में चला रहे अभियान
इस अभियान से जुड़े उग्रसेन पटेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ के बालोद, दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर, सूरजपुर, धमतरी, बलरामपुर आदि जिलों में बॉक्स लगाने और वितरण करने का अभियान चला रहे हैं। प्राइमरी स्तर के बच्चों को आर्थिक रूप से असमर्थ रहने के कारण स्टेशनरी के अभाव से पढ़ाई छोडऩी पड़ती है। इसी समस्या को खत्म करने के लिए समर्थ और असमर्थ बच्चों के बीच एक कड़ी स्थापित करना भी इस अभियान का उद्देश्य है।

ये है अभियान का उद्देश्य
बच्चों को संस्कारी व चरित्रवान बनाना, बच्चों में दान देने और समाज सेवा की भावना विकसित करना। समर्थ और असमर्थ बच्चों के बीच संबंध स्थापित करना, जो विद्यार्थी आर्थिक रूप से कमजोर हैं उनको जगत की शिक्षा सामग्री देकर मदद करना।

चार साल पहले की शुरुआत, बन गया वल्र्ड रिकॉर्ड
विभु जी महाराज की प्रेरणा से वर्ष 2015 में शुरू हुए मिशन एजुकेशन अभियान के अंतर्गत अभी तक लगभग 4 लाख से ज्यादा बच्चों को पूरे देश में नि:शुल्क पाठ्य सामग्री वितरण की जा चुकी है। इन्हीं क्रम में संस्था ने 24 घंटे के अंदर 16604 किलो पाठ्य सामग्री वितरित कर 'गिनीज वल्र्डÓ में रिकॉर्ड बनाया है। इस अभियान में तीन दिवसीय आयोजित समर कैंप लगाया गया। इसमें डीआर पटेल, गंगाराम देशमुख, मोहित देशमुख, नेतराम पटेल, अर्जुन ठाकुर, लक्ष्मी देशमुख, खूबलाल भट्ट, दामिनी पटेल, खिलेश्वरी पटेल, फतेश पटेल, साहिल भट्ट, निलेश पटेल, हेममूर्ति, श्यामलाल निषाद, हरिवंश देशमुख, वेदप्रकाश देशमुख, कंचन भट्ट, मेघा, दीपा, राजा, राधे, वीरेंद्र देवांगन, प्रीति, ईशा, रिपा आदि का योगदान रहा।