
ग्रामीणों की चेतावनी, जमीन खाली नहीं कराने पर चुनाव का बहिष्कार
बालोद. जिले के ग्राम मुजगहन (गुरुर) के सैकड़ों ग्रामीणों ने मोहम्मद हनीफ खान को ग्राम पटेल पद और उनके 9 जगहों पर किए गए कब्जे को हटाने की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे। बड़ी संख्या में ग्रामीणों को देखते हुए कलेक्ट्रेट परिसर में पुलिस बल तैनात किया गया था। वहीं पुलिस ने बैरिकेड भी लगाया था। इसे ग्रामीणों के भीड़ ने तोड़ दिया। कलेक्टर के मुख्य गेट के सामने बैठ गए। ग्रामीणों की भीड़ व आक्रोश को देखते हुए कलेक्टर कुलदीप शर्मा ने शाम 5 बजे तक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था। शाम 5.30 बजे मोहम्मद हनीफ को ग्राम पटेल के पद से हटा दिया गया। इसके बाद शाम 6 बजे ग्रामीण अपने गांव रवाना हुए।
चुनाव के पहले कब्जे से मुक्त कराएं जमीन
ग्राम पटेल के कब्जे की जमीन की विधिवत जांच कर आगे की कार्रवाई करने की बात कही। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी कि आने वाले चुनाव के पहले तक ग्राम पटेल के कब्जे की जमीन को वापस नहीं लिया तो चुनाव बहिष्कार करेंगे। गांव में कोई भी प्रशासनिक काम नहीं कराने का फैसला भी लिया है।
कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर 7 घंटे तक डटे रहे ग्रामीण
ग्रामीण नमेंद्र कुमार व ग्रामीणों के मुताबिक मोहम्मद हनीफ 20 साल से ग्राम पटेल है। धीरे-धीरे गांव की आबादी जमीन को अपने कब्जे में ले लिया। इसे हटाने की मांग मार्च से कर रहे हैं। कई बार प्रशासन को मामले को जल्द सुलझाने ज्ञापन भी सौंपा। कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तब ग्रामीण कलेक्टरेट पहुंचे। ग्रामीण सुबह 11 बजे गांव से कलेक्ट्रेट आए थे, जो मांग पूरी होने के बाद लगभग 7 घंटे बाद अपने घर गए।
22 ट्रैक्टरों से पहुंचे ग्रामीण, भर गया परिसर
ग्रामीणों के कलेक्ट्रेट आने की जानकारी मिलने के बाद डिप्टी कलेक्टर प्राची ठाकुर ग्राम मुजगहन पहुंची। वहां ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया और कहा कि जल्द आपकी मांग पूरी करने का प्रयास करेंगे। ग्रामीणों ने कहा कि इतने दिनों से सिर्फ आश्वासन ही मिला और कुछ नहीं। इसके बाद 22 ट्रैक्टर में लगभग 700 ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचे थे।
ग्राम पटेल को हटाया, अब जमीन वापस लेने का इंतजार
मुजगहन की सरपंच उमेश्वरी नेताम व ग्राम विकास समिति अध्यक्ष संतोष धनकर ने कहा कि ग्राम पटेल को हटा दिया गया, यह अच्छा निर्णय है, क्योंकि उनसे पूरा गांव परेशान है। अब ग्राम पटेल के कब्जे से जमान वापस करानी है। इसके लिए प्रशासन को विधानसभा चुनाव से पहले का समय दिया गया है।
अपर कलेक्टर, एसडीएम, डिप्टी कलेक्टर से हुई चर्चा
बिगड़ते माहौल व ग्रामीणों के आक्रोश को देख अपर कलेक्टर शशांक पांडे, डिप्टी कलेक्टर प्राची ठाकुर व एसडीएम शीतल बंसल ने ग्रामीणों के बीच आकर मामले पर की जा रही कार्रवाई की जानकारी दी, तब जाकर ग्रामीणों ने आंदोलन समाप्त किया।
रात में भी धरना-प्रदर्शन करने साथ लाए थे टेंट व पानी
ग्रामीणों ने कहा कि शाम तक भी कोई निर्णय नहीं होता तो रात में भी पूरे ग्रामीण कलेक्ट्रेट परिसर में बैठते। इसके लिए टेंट भी लाए थे व वहीं खाना बनाने की भी बात कह रहे थे।
ग्रामीणों के समर्थन में पूर्व विधायक भैयाराम व भाजपा जिला अध्यक्ष भी पहुंचे
मामले को सुलझाने विगत माह से लगातार ग्रामीण शासन-प्रशासन का दरवाजा खटखटा रहा था। शुक्रवार को जब ग्रामीण कलेक्ट्रेट तो भाजपा जिला अध्यक्ष कृष्णकांत पवार पहुंचे थे। वहीं कांग्रेस के पूर्व विधायक भैयाराम सिन्हा भी ग्रामीणों के बीच पहुंचे। मामले में ग्रामीणों का समर्थन दिया।
Published on:
22 Sept 2023 11:20 pm
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