
माता-पिता और बहनें शिक्षक पर इन्होंने क्यों चुना ऐसा रास्ता
बालोद/दल्लीराजहरा. आत्मविश्वास, कड़ी मेहनत और कुछ पा लेने की यदि चाहत हो, तो लड़कियों की भी अपना मुकाम मिल ही जाता है। यह बात अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम गौरवाान्वित करने वाली कोलकाता पुलिस में सब-इंस्पेक्टर 45 वर्षीय शम्पा गुहा ने पत्रिका से चर्चा के दौरान कही।
माता-पिता और दोनों बहनें शिक्षक
लौह नगरी दल्लीराजहरा में आयोजित 5 दिवसीय 43वीं नेशनल पावर लिफ्टिंग प्रतियोगिता में शिरकत करने पहुंची पश्चिम बंगाल की शम्पा गुहा ने पत्रिका से चर्चा के दौरान बताया कि उनके माता-पिता सेवानिवृत्त शिक्षक हैं, जो प्रारंभ से खेल की अपेक्षा पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान देने की बात करते थे। यही वजह है कि उनकी दो और बहनें शिक्षक हैं। वे कहती हैं कि बेटी होने के बाद भी माता-पिता ने हमें बेटा ही माना।
17 बार रहीं नेशनल चैम्पियन
खेल में रुचि होने के कारण उन्होंने 1996 में महिला वर्ग से वेट लिफ्टिंग खेलना प्रारंभ किया और 1997 में पावर लिफ्टिंग से जुड़ी। हैदराबाद में आयोजित नेशनल में रजत पदक हासिल करने के बाद लगातार मेहनत की कठिन वर्क आउट कर 17 बार नेशनल चैम्पियन बनी। 2005 में इंग्लैंड में कामन वेल्थ में भारत की ओर से खेलते हुए 4 स्वर्ण पदक जीत कर देश का नाम रोशन किया। वर्तमान में शम्पा इंडियन पावर लिफ्टिंग फेडरेशन की सह सचिव भी हैं।
लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में नाम
शम्पा ने बताया विदेश व देश में लगातार अपने खेल का अच्छा प्रदर्शन करने पर उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज किया गया। उन्होंने बताया 86 किलोग्राम से ऊपर वर्ग समूह में अधिकतम 505 किलोग्राम वजन उठाने का रिकार्ड है, वहीं 2008 में दल्लीराजहरा में आयोजित नेशनल पॉवर लिफ्टिंग में भी वे नेशनल चैम्पियन रह चुकी हैं। खेल की बदौलत ही उन्हें पुलिस में नौकरी मिली। उनका दूसरी लड़कियों के लिए केवल एक संदेश है वह यह कि पढ़ाई के साथ खेल में भी रुचि रखें, इससे शरीर चुस्त, दुरूस्त और सेहत अच्छी रहती है।
Published on:
09 Sept 2018 04:30 am
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