
CG Ajab Gajab: अपनी संस्कृति और परंपरा को लेकर छत्तीसगढ़ की पहचान देश दुनिया में अलग है। यहां गांव-गांव में कई मान्यताएं प्रचलित है। इन्हीं में से एक और परंपरा प्रदेश में देखने को मिली। बलौदाबाजार के ग्रामीण अंचल में पोरा त्योहार के मौके पर एक अनूठे मेले ( Ajab Gajab ) ने सुर्खियां बटोरी। जानकर हैरानी होगी कि मेले में रुपए-पैसे से नहीं बल्कि रोटियां देकर लोगों ने खरीदारी की। चलिए आपको बताते है इस अनोखे मेले के बारे में…
CG Ajab Gajab: बलौदाबाजार के कोरदा गांव में एक ऐसा मेला लगता है जहां रुपए-पैसों की जगह रोटियों में सौदा होता है, और लोग जमकर खरीदारी और मौज मस्ती करते हैं। 127 साल पुराना यह मेला हर वर्ष छत्तीसगढ़ के लोकपर्व पोरा पर सजता है। प्रदेश में इस बार सोमवार को पोरा पर्व मनाया गया। इस दिन कोरदा समेत आसपास के गांवों से इतनी भीड़ उमड़ी कि पैर रखने की जगह नहीं थी।
CG tradition: कोरदा में यह मेला हर साल पोरा पर दोपहर 3 बजे से रात 8 बजे तक सजता है। गांव की महिलाएं और लड़कियां मेला लगने से पहले तालाब पार में घर-गुंदिया बना लेती हैं। ये करीब 6 फीट-लंबा चौड़ा होता है। मेले के दौरान यहां वे पुड़ी, बड़ा, भजिया, ठेठरी और खुरमी लेकर बैठ जाती हैं। वहीं गांव के पुरुष मिट्टी के खिलौने, कागज के फूल बनाकर रखते हैं। जैसे ही मेला शुरू होता है, महिलाएं और लड़कियां मिलकर मिट्टी के खिलौने खरीदने निकल जाती हैं। खिलौनों के बदले वे पुरुषों को रोटियां और पकवान देती हैं। किसी भी सामान का सौदा यहां रुपए-पैसे में नहीं होता है।
मेले में गांव के लोगों ने गोठान, पशु-पक्षियों से जुड़े कई मॉडल प्रस्तुत किए। विलुप्त होती चिड़ियों के संरक्षण का संदेश देने के लिए इनकी भी प्रदर्शनी लगाई थी। इस मौके पर 10-12वीं बोर्ड परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने वाले गांव के बच्चों को सम्मानित भी किया गया।
Updated on:
03 Sept 2024 06:42 pm
Published on:
03 Sept 2024 06:36 pm
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